Dhanteras 2024: 29 अक्टूबर 2024 को धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन भगवान धन्वंतरि देव, यमराज, माता लक्ष्मी, कुबेर, गणेश और श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। इस दिन घर के दक्षिण भाग में यमराज के निमित्त दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का भय जाता रहता है। इस दिन अकाल मृत्यु से बचने के साथ ही नरक से बचने के उपाय भी करें।
धनतेरस पर करें नरक से मुक्ति के उपाय: धनतेरस पर सबसे पहले घर के प्रमुख द्वार की देहरी पर कोई भी अन्न (साबूत गेहूं या चावल आदि) की ढेरी बनाकर/बिछाकर रखें।फिर उस पर एक अखंड दीपक रखें। मान्यता है कि इस प्रकार दीपदान करने से यम देवता के पाश और नरक से मुक्ति मिलती है।
यदि आप पूरा उपक्रम ना करें तो इनमें से कोई एक अवश्य करें। पढ़ें यमराज पूजन के 3 तरीके:-
घर के मुख्य द्वार पर यम के लिए आटे का दीपक बनाकर अनाज की ढेरी पर रखें।
रात को दक्षिण दिशा में घर की स्त्रियां बड़े दीपक में तेल डालकर चार बत्तियां जलाएं।
एक दीपक घर के मंदिर में जलाकर जल, रोली, चावल, गुड़, फूल, नैवेद्य आदि सहित यम का पूजन करें।
यमराज का मंत्र
'मृत्युना दंडपाशाभ्याम् कालेन श्यामया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रयतां मम।
धनतेरस का दीपदान:- धनतेरस के दिन यमराज के निमित्त जिस घर में दीपदान किया जाता है, वहां अकाल मृत्यु नहीं होती है। धनतेरस की शाम को मुख्य द्वार पर 13 और घर के अंदर भी 13 दीप जलाने होते हैं। लेकिन यम के नाम का दीपक परिवार के सभी सदस्यों के घर आने और खाने-पीने के बाद सोते समय जलाया जाता है। इस दीप को जलाने के लिए पुराने दीपक का उपयोग किया जाता है जिसमें सरसों का तेल डाला जाता है। यह दीपक घर से बाहर दक्षिण की ओर मुख कर नाली या कूड़े के ढेर के पास रख दिया जाता है। इसके बाद जल चढ़ा कर दीपदान करते समय यह मंत्र बोला जाता है-
मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीतयामिति।।
कई घरों में इस दिन रात को घर का सबसे बुजुर्ग सदस्य एक दीया जला कर पूरे घर में घुमाता है और फिर उसे लेकर घर से बाहर कहीं दूर रख कर आता है। घर के अन्य सदस्य अंदर रहते हैं और इस दीये को नहीं देखते हैं। यह दीया यम का दीया कहलाता है। माना जाता है कि पूरे घर में इसे घूमा कर बाहर ले जाने से सभी बुराइयां और कथित बुरी शक्तियां घर से बाहर चली जाती हैं।