28 अक्टूबर, 2016 को धनतेरस का पवित्र पर्व है। इस दिन धन और आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि पूजे जाते हैं। आइए जानें सरलतम पूजन विधि और प्रामाणिक पौराणिक मंत्र ...
* सबसे पहले मिट्टी का हाथी और धन्वंतरि भगवानजी का चित्र स्थापित करें।
* शुद्ध चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करें।
* श्रीगणेश का ध्यान व पूजन करें।
* हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें।
* इस मंत्र से ध्यान करें :
* मंत्र : देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान
दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः
पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो
धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा नः
ॐ धन्वन्तरि देवाय नमः
ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि...
* पुष्प अर्पित कर दें और जल का आचमन करें।
* 3 बार जल के छींटे दें और यह बोलें ... मंत्र : पाद्यं अर्घ्यं आचमनीयं समर्पयामि।
* भगवान धन्वंतरि के चित्र का जल के छींटों और मंत्र से स्नान कराएं।
* मंत्र : ॐ धनवन्तरयै नमः
मंत्र :स्नानार्थे जलं समर्पयामि
* पंचामृत स्नान कराएं
* मंत्र : ॐ धनवन्तरायै नमः
मंत्र : पंचामृत स्नानार्थे पंचामृत समर्पयामि ||
* फिर जल से स्नान कराएं।
मंत्र : दीपकं दर्शयामि ( जलते दीपक की पूजा करें फिर उसी से आरती घुमाएं)
मंत्र : नैवेद्यं निवेद्यामि (प्रसाद चढ़ाएं, प्रसाद के आसपास पानी घुमाएं)
मंत्र : आचमनीयं जलं समर्पयामि... (अपने आसन के आसपास पानी छोड़ें)
मंत्र : ऋतुफलं समर्पयामि (फल चढ़ाएं, फल के चारों तरफ पानी घुमाएं)
मंत्र : ताम्बूलं समर्पयामि (पान चढ़ाएं)
मंत्र : दक्षिणा समर्पयामि (चांदी-सोने के सिक्के अगर खरीदें हैं तो उन्हें अर्पित करें या फिर घर में रखें रुपए-पैसे चढ़ाएं।
मंत्र : कर्पूर नीराजनं दर्शयामि ( कर्पूर जलाकर आरती करें)
* धन्वंतरि जी से यह प्रार्थना करें :हे आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि देव समस्त जगत को निरोग कर मानव समाज को दीर्घायुष्य प्रदान करें। हमें सपरिवार आरोग्य का वरदान प्रदान करें।
* धन तेरस की शाम को प्रदोषकाल में अपने घर के मुख्य दरवाजे पर अन्न की ढेरी पर दोनों तरफ दीपक जलाएं और उस समय यमराजजी का ध्यान करें। यह मंत्र बोलें।