पहली बार पांच विशेष योग में धन तेरस पर होगी देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस है। यह तिथि इस वर्ष 2 नवंबर मंगलवार को है। व्यवसायी से लेकर आम लोग तक धनतेरस की तैयारी में महीनों से लगे हुए हैं। धनतेरस के लिए कोई बाजार सजा रहा है तो कोई घर। धनतेरस पर खरीदारी की परंपरा रही है।
ज्योतिर्विद पं. सोमेश्वर जोशी ने बताया की ये पांच दिवसीय महोत्सव देवी लक्ष्मी नारायण की आराधना के साथ खरीदारी के लिए भी शुभ मुहूर्त होता है। इस वर्ष धनतेरस पर त्रिपुष्कर, दोपहर सर्वार्थ सिद्ध, सिद्धि योग, प्रजापत (धाता) 12 :52 मिनिट पश्चात, वैधृत का अति शुभ योग बन रहा है।
धन त्रयोदशी विशेष कर शिव, कुबेर और भगवान धन्वंतरि की आराधना के उपरांत शुभ मुहूर्त में की गई खरीदारी वर्ष भर के लिए शुभ फलदायक सिद्ध होता है।
शिव पुराण आदि में भौम, त्रयोदशी प्रदोष काल धनतेरस पर आना अपने आप में बहुत बड़ा धार्मिक पौराणिक महोत्सव है जिसका अध्यात्म में बहुत महत्त्व है।
भगवान धन्वंतरि/ धन्वन्तरी जयंती
वेदों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति हुई थी। धन्वंतरी आरोग्य के देवता हैं। कुबेर की जहां धन और समृद्धि के लिए पूजा की जाती है, वहीं भगवान धन्वंतरि की पूजा इस दिन आरोग्य की कामना के लिए की जाती है।
- शिव अभिषेक करें
- कुबेर, धन्वंतरि लक्ष्मी पूजन करें
- स्कंद पुराण अनुसार मिटटी के दीपक को तिल के तेल से पूरा भर गंध आदि से पूजन कर दीपदान, द्वार, एवं भगवान के समक्ष पूजित दीप प्रज्वलित करें