वैसे तो यह चराचर जगत् भगवान के अधीन है और वे ही इस सम्पूर्ण पृथ्वी पर शासन करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा समय भी आता है जब इस सम्पूर्ण जगत् पर भगवान का शासन नहीं रहता। पौराणिक कथा के अनुसार धनत्रयोदशी से लेकर अमावस्या (दीपावली) तक तीन दिन सम्पूर्ण पृथ्वी पर भगवान का शासन नहीं रहता है।
दैत्यराज बलि को दिए अपने वरदान के कारण भगवान स्वयं तीन दिन के लिए इस संसार से अपने शासन का त्याग करते हैं। धनत्रयोदशी से अमावस्या अर्थात् दीपावली तक इस समस्त संसार में दैत्यराज बलि का शासन रहता है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति दैत्यराज बलि के शासन में दीपमाला प्रज्जवलित करता है उसके यहां स्थाई लक्ष्मी का वास होता है।