Hindi Poem on Deepawali : इस बार की दीपावली कुछ अधिक ही सुनहरी होगी
- डॉ. रामकृष्ण सिंगी
इस बार की दीपावली कुछ अधिक ही सुनहरी होगी।
अनुगुंजित 370/राफेल / राममंदिर की सफलताओं की स्वर लहरी होगी ।। 1 ।।
देश की अर्थव्यवस्था लेने लगेगी नई करवटें।
नये उद्यमों की गलियां अनेक नये साहसियों से भरी होगी ।। 2 ।।
शासन की नीतियों और उपक्रमियों के उत्साह से।
हमारे विकास की गति उत्तरोत्तर निखरी होगी ।। 3 ।।
निवेशकों की उत्साही निवेशक पहलों से, देखिएगा।
सेंसेक्स की अंक-गणना कहीं चालीस के पार जा ठहरी होगी ।। 4 ।।
'इसरो' करेगा कई सफल योजनाओं का सूत्रपात।
हमारी वैज्ञानिक क्षमताओं की उन्नत राष्ट्रों से बराबरी होगी ।। 5 ।।
आतंकी ताकतें चाहे गुर्राती रहें ऊपर से।
अंदर से वे सभी बेहद डरी-डरी होंगी।। 6 ।।
पड़ोसी देशों और महाशक्तियों से मधुर संबंधों के यों बनते ,
सफल कूटनीति की पताका हमारी विश्वाकाश में फहरी होगी ।। 7 ।।
दीप-ज्योति के प्रकाश और मां लक्ष्मी की कृपा की किरणें ,
जन-जन की आकांक्षाओं पर वरदान बन उतरी होगी ।। 8 ।।
इस बार की दीपावली कुछ अधिक ही सुनहरी होगी।