दीपावली पर हम धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं लेकिन सब जानते हैं कि भगवान श्री गणेश विघ्नों का नाश करने वाले और ऋद्धि-सिद्धि के प्रदाता हैं इसलिए हर शुभ कार्य के प्रारम्भ में गणेश को प्रथम स्थान दिया जाता है। श्री गणेश को प्रथम पूूज्य होने का वरदान प्राप्त है। बिना गणेश पूजन किए किसी भी देवता की पूजा प्रारंभ नहीं की जाती।
श्री गणेश को सम्पूर्ण विद्या तथा बुद्धि का स्वामी भी कहा गया है। लक्ष्मी के साथ गणेश पूजन का सबसे बड़ा कारण है कि धन के साथ बुद्धि भी सदा साथ रहे। बिना बुद्धि के केवल धन होना व्यर्थ है। धन का होना तभी सार्थक है जब उसका सोच-समझकर सदुपयोग किया जाए। प्राय: देखने में आता है कि धन आ जाने पर मनुष्य का विवेक नष्ट हो जाता है। उसमें बुराइयां जन्म ले लेती हैं।