शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय को स्कंद कहा गया है। कुछ लोग आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी मानते हैं और 'तिथितत्त्व' में चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी को 'स्कंद षष्ठी' कहा है, लेकिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की षष्ठी को भी 'स्कंद षष्ठी व्रत' के नाम से जाना जाता है।
दक्षिण भारत में इस व्रत का ज्यादा प्रचलन है। खासकर तमिलनाडु में यह व्रत प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को किया जाता है। वर्ष के किसी भी मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह व्रत आरंभ किया जा सकता है। खासकर चैत्र, आश्विन और कार्तिक मास की षष्ठी को इस व्रत को आरंभ करने का प्रचलन अधिक है।