Hanuman jayanti 2025: नरक चतुर्दशी का त्योहार दिवाली के दीपोत्सव के पांच दिनी उत्सव में से दूसरे दिन रहता है। इस दिन दक्षिण भारत में यम दीपम का पर्व मनाया जाता है और इसी दिन उनकी विशेष पूजा होती है। नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली भी कहते हैं। मान्यता अनुसार इसी दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था तो कुछ के अनुसार इस दिन उन्होंने सूर्य को फल समझकर खा लिया था इसलिए विजय अभिनन्दन महोत्सव मनाया जाता है और अन्य मान्यता अनुसार इसी दिन उन्हें अमरता का वरदान मिला था। इस दिन हमुमानजी को विशेष तरह से दीपक लगाकर पूजा करने से सभी तरह के भय और पापों का नाश हो जाता है।
कुछ विशिष्ट तरीके और तेल:
1. सरसों का तेल: यह सबसे अधिक प्रचलित है। नरक चतुर्दशी की रात को हनुमानजी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर "ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्" मंत्र का जाप करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
4. आटे का दीपक: यदि आप कर्ज में डूबे हैं तो नरक चतुर्दशी का यह दिन इससे मुक्ति का खास दिन है। आप आटे के बने दीपक में चमेली का तेल डालकर उसे बरगद के पत्ते पर रखकर हनुमान मंदिर में उनकी मूर्ति के समक्ष जलाएं। ऐसे 5 पत्तों पर 5 दीपक रखें और उसे ले जाकर हनुमानजी के मंदिर में रख दें। ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति के साथ ही हनुमानजी को आटे के दीपक लगाने से शनि की बाधा भी दूर हो जाती है।