चाहे बात अनाज की हो, चावल, दूध, पनीर या मसाले की, वर्तमान में खाने-पीने की हर चीज शुद्ध हो यह जरूरी नहीं है, क्योंकि आजकल व्यापार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और अधिक महंगाई के कारण खाने-पीने की चीज में मिलावट हर जगह देखने को मिलती है। इस संबंध में सबसे अहम बात यह है कि बेहद आसानी से और अत्यधिक मिलावट होने के बावजूद हमारे पकड़ में आसानी से नहीं आती और सामान्यत: लोग इसे परखने का खतरा भी नहीं उठाते हैं।