हेल्थ के लिए लाभदायी है एबीसी का फॉर्मूला, जानिए कैसे अपनाएं...

जब कभी भावनात्मक दबाव में आएं और भावनाएं दिल-दिमाग पर इस कदर हावी होने लगें कि उनका आपके काम और रिश्तों पर नकारात्मक असर पड़ने लगें तो ऐसी स्थिति में किसी प्रोफेशनल की मदद लें। काउंसलर किसी भी स्थिति से निपटने में हमारी मदद करते हैं। इसलिए उनसे मदद लेने में हमें कोई संकोच नहीं करना चाहिए। 
 
* फार्मूला ए- 'ए' का अभिप्राय है, 'अवेयरनेस' यानी कोई भी समस्या जब पैदा होती है तो उसके प्रति हमें पूरी तरह से सजग-सचेत होना चाहिए। इसमें किसी की प्रेरणा हमारे लिए सहायक सिद्ध हो सकती है या हम अपना स्वयं का नजरिया सकारात्मक बनाएं जिससे हम समस्या को अपने पास फटकने से पहले ही उसे दूर भगा दें। 
 
* फार्मूला बी- 'बी' यानी 'बैलेंसिंग' यानी सही और गलत के बीच संतुलन कायम रखने की क्षमता का अपने भीतर पैदा करना। 
 
* फार्मूला सी- 'सी' का अभिप्राय है कंट्रोल यानी विपरीत स्थितियों पर प्रतिक्रिया को नियंत्रण में रखना। इन तमाम चीजों के अलावा हम पर हमारी भावनाएं हावी होकर हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर न डालें, इसके लिए जरूरी है कि हम संतुलित भोजन लें, समय पर भोजन करें और पर्याप्त नींद लें। किसी भी तरह का नशा न करें। अपनी समस्या को लेकर अपने आपको परेशानी में न रखें। 
 
नियमित शारीरिक व्यायाम करें। योगासन करें, मेडिटेशन करें, कुल मिलाकर शरीर को आराम पहुंचाने वाली गतिविधियां करें। अपनी समस्या के विषय में अपने परिवार और दोस्तों के साथ अपनी समस्याओं को शेयर करें।

इसके अलावा जो चीजें अच्छी लगें, वे करें। अपनी हॉबीज विकसित करें, डांस क्लास में हिस्सेदारी करें, फिल्म देखें या फिर शॉपिंग करने जाएं।

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