हम में से हर किसी को कभी न कभी हिचकी तो जरूर आई ही है, आखिर हिचकी आना एक आम बात है। ये सिर्फ इंसानों को ही नहीं, बल्कि जानवरों को भी आती है। कभी-कभी हिचकी आने की कई वजहें हो सकती हैं। लेकिन यदि आपको लगातार हिचकियां चल रही हैं तो मेडिकल साइंस के हिसाब से यह एक बीमारी है।
ये भी हो सकता है कि जब तक आपने रानी मुखर्जी की आगामी फिल्म 'हिचकी' का ट्रेलर नहीं देखा होगा, तब तक आपको हिचकी एक ऐसी गंभीर समस्या हो सकती है, यह पता भी नहीं होगा। इस फिल्म के ट्रेलर में रानी मुखर्जी एक ऐसी महिला के किरदार में हैं जिसे टॉरेट सिंड्रोम है और जो एक शिक्षिका बनना चाहती हैं। लेकिन अपनी अजीब हिचकी की समस्या के कारण वे उपहास का पात्र बनती हैं। टॉरेट सिंड्रोम अक्सर किशोरावस्था में होता है और कई बार आनुवांशिक और पर्यावरणीय कारणों से भी होता है। यह एक न्यूरो बिहेवियरल डिसऑर्डर है, जो दिमाग के उस हिस्से के सही से काम न करने की वजह से होता है, जो शरीर के किसी भी अंग को हिलाने और व्यवहार करवाने के लिए जिम्मेदार होता है।
कई बार लोग हिचकी को कई अवधारणाओं से भी जोड़ देते हैं, जैसे हिचकी आने पर वे ये मानकर खुश हो जाते हैं कि उनका कोई हितैषी उन्हें बेहद दिल से याद कर रहा है और इसलिए उन्हें हिचकी आ रही है। अगर उन्होंने भी उसी व्यक्ति को अपने मन में याद कर लिया तो उनकी हिचकी तुरंत रुक जाएगी।
कब आती है हिचकी ?
दरअसल, हिचकी हमारे डायाफ्राम के अनैच्छिक (इन्वॉलेंट्री कंट्रेक्शन) के सिकुड़न के कारण होती है। डायाफ्राम हमारे शरीर का वह भाग है, जो पेट से आपकी छाती को अलग करता है और श्वास लेने-छोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डायाफ्राम के अनैच्छिक सिकुड़न से हमारी स्वरग्रंथि (वोकल कार्ड), जिसकी मदद से व्यक्ति भिन्न प्रकार की आवाजें निकाल पाता है, बहुत ही कम समय के लिए बंद हो जाती है जिसकी वजह है हिचकी की ध्वनि उत्पन्न होती है।
आइए जानते हैं हिचकी को रोकने के कुछ घरेलू उपचार-
1. पिप्पली, आंवला, सौंठ इनके 2-2 ग्राम चूर्ण में 10 ग्राम खांड तथा 1 चम्मच शहद मिलाकर बार-बार प्रयोग करने से हिचकी तथा श्वास रोग शांत होते हैं।
2. आंवले के 10-20 मिलीलीटर रस और 2-3 ग्राम पीपल का चूर्ण, 2 चम्मच शहद के साथ दिन में सुबह-शाम सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है।
3. 10 मिलीलीटर आंवले के रस में 3 ग्राम पिप्पली चूर्ण और 5 ग्राम शहद मिलाकर चाटने से हिचकियों से राहत मिलती है।
4. आंवला, सौंठ, छोटी पीपल और शर्करा के चूर्ण का सेवन करने से हिचकी नहीं आती है।
5. आंवले के मुरब्बे की चाशनी के सेवन से हिचकी में बहुत लाभ होता है।
6. नींबू और शहद (1-1 चम्मच) को मिलाकर चाट लें।
7. शकर के साथ पुदीने की पत्तियों का सेवन करें।
8. 2-3 कालीमिर्च और मिश्री मिलाकर मुंह में रख लें। आंवले के साथ भी मिश्री मिलाकर खा सकते हैं।
9. मलाई या मक्खन में थोड़ी-सी काली मिश्री मिलाकर खाने से भी हिचकी रुक जाती है।