वैसे तो दिवाली का पर्व हर शहर में अपने तरीके से मनाया जाता है। पूरे देश ही दीपों और लाइट से जगमग जगमग हो उठता है। आसमान से देखने पर भारत का शानदार नजारा दिखाई देता है। करोड़ों दीयों से आसमान भी रोशन हो जाता है। कहते हैं कि राजस्थान के पुष्कर, जयपुर और जैसलमेल में तो दिवाली बहुत ही शानदार तरीके से और अलग ही अंदाज में मनाई जाती है।
पुष्कर की दिवाली : पुष्कर में कई देशी और विदेशी पर्यटक आते जाते रहते हैं। इसलिए यहां पर दिपावली का उत्सव अलग ही अंदाज में मनाया जाता है। यहां की दिवाली देशभर में प्रसिद्ध है। पूरे शहर के दीपों से सजाया जाता है। पुष्कर झील के आसपास दिवाली के दीये जब जलाए जाते हैं तो पूरा क्षेत्र ऐसा नजर आता है जैसे झील में सूर्य उतर आया हो। यहां पर दिवाली पर 5 दिनों का भव्य उत्सव, ऊंट मेला और समारोह होता है जिसे देखने के लिए देश और विदेश से लोग आते हैं।
जैसलमेर : जैसलमेर में सुनहरी रेत का रेगिस्तान दीयों की रोशनी में जब नहाता है तो उसे देखना अचरज भरा होता है। यहां पर जैसलमेर के किले को बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया जाता है। पूरा जैसलमेर मिट्टी के लाखों दीयों, फूल और लाइट्स से जब जगमगाता है तो यह नजारा अद्भुत होता है। इसी के साथ यहां के सांस्कृतिक कार्यक्रम और लोकनृत्य दिवाली के उत्सव में चार चांद लगा देते हैं।