इतिहास को आमतौर से छात्र बहुत ही बोरिंग और ऊबाऊ विषय के रूप लेते हैं और रट्टा मारने को ही इसमें पास होने का एकमात्र विकल्प मानते हैं। पर यह आजमाई हुई बात है कि इस तरह से इतिहास की पढ़ाई करने से कभी अच्छे मार्क्स नहीं आते हैं। हालांकि सबसे दिलचस्प पहलू यह भी है कि अगर इतिहास को थोड़ा ध्यानपूर्वक पढ़ा जाए तो यह विषय किसी कहानी या उपन्यास की भांति लगने लगता है।
एनसीईआरटी की टेक्स्ट बुक्स से संबंधित टॉपिक्स पर और सामग्री जुटाकर तैयारी करने का प्रयास भी साथ-साथ किया जा सकता है। इसमें अब तो इंटरनेट का सहारा सबसे सुलभ है। आइए बात करें कि अमूमन छात्र इस विषय की तैयारी और उत्तर लेखन में किस तरह की गलतियां करते हैं और इसमें सुधार के क्या संभव तरीके हैं।
आम गलतियां 1. इतिहास की टेक्स्ट बुक को बिलकुल नहीं पढ़ने की प्रवृत्ति और गाइड्स/हेल्प बुक पर पूर्ण निर्भरता।
2. बिना नोट्स तैयार किए इतिहास की तैयारी।
3. परीक्षा के दौरान लंबे उत्तर दिखाने के लिए जगह छोड़कर लिखा और उत्तर पुस्तिका भरना।
4. ज्यादा लिखने के क्रम में बार-बार कुछ ही बातों को रिपीट करना और बेवजह की बातें लिखना।
सुधारने के टिप्स 1. सबसे पहले तो अपने दिमाग से यह बात बिलकुल निकाल दें कि इतिहास रटने का विषय है। ध्यानपूर्वक पढ़ने पर इसमें दिलचस्पी जगनी स्वाभाविक है। बशर्ते कि ऐसा प्रयास किया जाए।
2. परीक्षा से पहले के इस अंतिम समय में टेक्स्ट बुक्स पढ़ते समय बेशक मुख्य बिंदुओं पर निशान लगाते चले जाएं अथवा समय हो तो बिंदुवार क्रम में मुख्य प्वाइंट्स को लिखते रहें। इससे परीक्षा से पहले रिवाइज करने में न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि काफी बातें याद भी आसानी से होती चली जाएंगी।
3. हमेशा प्रश्न के मान के अनुसार बिंदुवार तरीके से उत्तर लिखने की आदत डालें। हर अंक के अनुसार कम से कम एक बिंदु तो अवश्य ही होना चाहिए। अगर इन बिंदुओं का अधिक से अधिक 15 से 20 शब्दों की शब्द सीमा में विवरण भी देने की कोशिश करें तो सोने पर सुहागा।
4. इतिहासकारों के नाम, उनके विचार और कृतियों का उल्लेख करने से परीक्षक पर काफी अच्छा इंप्रेशन पड़ता है। इसका अतिरिक्त लाभ यह भी होता है कि वह छोटी-मोटी गलतियों को नजरअंदाज कर अच्छे अंक देने का प्रयास करता है।
5. इंटरनेट के जरिए आपको टेक्स्ट बुक के अलावा संबंधित टॉपिक पर कुछ नए विवरण भी हासिल हो सकते हैं। इससे आपके उत्तर अन्य छात्रों से ना सिर्फ अलग बल्कि बेहतर भी लगेंगे। इसका फायदा भी आपको थोड़े बहुत ज्यादा अंकों के रूप में मिल सकता है।
6. इतिहास को क्रोनोलोजिकल ऑर्डर में पढ़ने और समझने का प्रयास करेंगे तो विषय जल्दी और आसानी से समझ में आयेंगे। संभव हो तो एक सरल सा चार्ट भी बना सकते हैं।
7. सीबीएससी के सैम्पल पेपर्स के अलावा गत वर्षों के पेपर्स की जितनी प्रैक्टिस करेंगे उतना ही आपका हौसला बढ़ता चला जाएगा। लेकिन इसमें ईमानदारी बरतते हुए अपनी कमियों को जानेंगे तभी अपेक्षित नतीजे संभव हैं।
8. उत्तर पुस्तिका में बेवजह पेज भरने की प्रवृत्ति का सबसे खराब इंप्रेशन पड़ता है। ऐसा करने से नुकसान होने के चांस ज्यादा हो सकते हैं। इसलिए इस बात की कतई परवाह नहीं करें कि आपने कितनी अधिक संख्या में एक्स्ट्रा शीट्स ली हैं। हां यह अवश्य है कि जितना भी उत्तर पता है उसे बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत करें।
9. यह बताने की जरूरत नहीं है कि कम से कम एक मिनट का समय अपनी उत्तर पुस्तिका को ध्यानपूर्वक पढ़ने के लिए अंत में अवश्य रखें।
10. क्लास में टीचर द्वारा बताए गए इंपोर्टेंट प्रश्नों और टॉपिक्स को हर हाल में ठीक से तैयार करना न भूलें। मान कर चलें कि इसमें काफी कुछ आपको बोर्ड के पेपर में देखने को मिल सकता है।