1.गेंदे का रंग केसरिया है। यह रंग विजय, हर्ष और उल्लास का प्रतिनिधित्व करता है। इस फूल का धार्मिक महत्व भी अन्य फूलों से ज्यादा है। यूं तो गुलाब तथा चमेली के साथ और भी अन्य कई प्रकार के सुगंधित फूल धरती पर मौजूद हैं तब भी गेंदे के फूल का रंग शुभ का प्रतीक माना जाता है। इनके चटख रंग देखकर ही मन प्रफुल्लित हो जाता है। केसरिया मिश्रित पीला या लाल मिश्रित पीला दोनों ही रंग पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माने गए हैं अत: प्रकृति प्रदत्त यह उपहार पर्व के प्रति स्नेह, सम्मान और प्रसन्नता दर्शाते हैं।
5. दशहरा आते ही गेंदे के भाव आसमान छूने लगते हैं। इसे मेरीगोल्ड भी कहते हैं परंतु संपूर्ण भारत में यह गेंदे के नाम से जाना जाता है। इसे संस्कृत में स्थूलपुष्प के नाम से जाना जाता है। इन फूलों को सांगली, सतारा और बैंगलोर से विशेष रूप से मंगवाया जाता है। दशहरे से लेकर दिवाली तक इनकी बिक्री करोड़ों में होती है।