रमजान-उल-मुबारक इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना है। इस माह को अरबी में माह-ए-सियाम भी कहते हैं। यह रहमतों वाला, बरकतों वाला महीना है, जिसमें अल्लाह शैतान को कैद कर देता है, जिससे वह लोगों की इबादत में खलल न डाले। दुनिया भर में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे के इस महीने को बलिदान का महीना मानते हैं। रमजान की शुरुआत चांद देखने के बाद होती है। रमजान-उल-मुबारक में हर नेकी का सवाब 70 गुना कर दिया जाता है। हर नवाफिल का सवाब सुन्नतों के बराबर और हर सुन्नत का सवाब फर्ज के बराबर कर दिया जाता है। इस तरह सभी फर्ज का सवाब 70 गुना कर दिया जाता है। मतलब यह कि इस माहे-मुबारक में अल्लाह की रहमत खुलकर अपने बन्दों पर बरसती है।