1. इस एकादशी को करने से पितरों को अधोगति से मुक्ति मिलती है। पितरों की आत्मशांति के लिए यह एकादशी करते हैं। माना जाता है कि यदि आपके कोई पूर्वज जाने-अंजाने हुए अपने पाप कर्मों के कारण यमलोक में अपने कर्मों का दंड भोग रहे हैं तो इस एकादशी पर विधिपूर्वक व्रत करके इस व्रत के पुण्य को उनके नाम पर दान कर दिया जाए तो उन्हें इस दंड से छुटकारा मिलकर स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
3. इस एकादशी पर गाय, कौए, कुत्ते, चींटी, मछली को भी भोज्य कराएं और साथ ही पीपल देव के नीचे अन्न जल रखें। उपरोक्त सभी पहले देवताओं को अग्निग्रास दें। इस कर्म से एकादशी का फल दोगुना हो जाएगा।
4. इस एकादशी का व्रत रखने से कर्ज से भी मुक्ति मिलती है।
5. इस दिन पूजा करके आप जाने-अनजाने में हुए अपने पाप कर्मों से छुटकारा भी पा सकते हैं।