रविवार को जब भी 2 तिथियां होती हैं तो हम भ्रमित हो जाते हैं, विशेषकर गृहस्थ जीवन वाले जातक व्रत को लेकर भ्रमित रहते हैं कि कब करें। जब भी 2 तिथियां हों, प्रथम तिथि उस दिन संन्यासी, विधवा, वनाश्रम वाले व्यक्ति और दूसरे दिन गृहस्थ जीवन वाले, वैष्णव संपदा वाले व्यक्ति को व्रत करना चाहिए।