WHO ने कहा मंकीपॉक्स (Monkeypox) की वैक्सीन नहीं है 100 प्रतिशत प्रभावशाली
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक पिछले हफ्ते मंकीपॉक्स के लगभग 7,500 मामले सामने आए
पिछले दिनों की तुलना में 20 प्रतिशत इजाफा हुआ मंकीपॉक्स के मामलों में
पिछले कुछ साल से कोरोना वायरस का दंश झेल चुकी दुनिया पर अब मंकीपॉक्स का खतरा मंडरा रहा है। एक तरफ जहां फ्रांस की राजधानी पेरिस में मंकीपॉक्स का वायरस एक इंसान से कुत्ते में पहुंचने की खबर है तो दूसरी तरफ डब्ल्यूएचओ (WHO) ने यह कहकर चौंका दिया है कि मंकीपॉक्स की वैक्सीन 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं है।
आइए जानते हैं दुनिया में इस वक्त क्या है मंकीपॉक्स की स्थिति और इस नए खतरे से बचने को लेकर क्या तैयारी चल रही है।
दरअसल, फ्रांस की राजधानी पेरसि में मंकीपॉक्स के एक मामले ने हैरान कर दिया है। यहां इंसान के माध्यम से मंकीपॉक्स का वायरस एक कुत्ते तक पहुंच गया है। यह दुनिया का पहला दुर्लभ मामला है। इस बारे में मेडिकल जर्नल 'लांसेट' ने रिपोर्ट प्रकाशित की है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर मंकीपॉक्स अलग आबादी यानी जानवरों में फैलता है तो यह बेहद खतरनाक होगा और यह भी आशंका है कि यह अलग तरह से म्यूटेट होकर फैल सकता है
100 फीसदी प्रभावी नहीं वैक्सीन: WHO
दरअसल, डब्ल्यूएचओ (WHO) ने अब मंकीपॉक्स की वैक्सीन को लेकर अपने बयान से चौंका दिया है। डब्ल्यूएचओ के तकनीकी प्रमुख रोसमंड लुईस (Rosamund Lewis ) ने मंकीपॉक्स की वैक्सीन (Monkeypox Vaccine) को लेकर कहा है कि मंकीपॉक्स की वैक्सीन 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं माना जाना चाहिए। ऐसे में अब संक्रमण को रोकने में खुद नागरिकों को अपनी मदद करना होगी।
लुईस का यह बयान तब सामने आया है जब दुनिया भर में 92 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स के 35,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। वहीं, इस बीमारी से 12 लोगों की मौत हो गई है। लुईस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिए इन टीकों के 100 प्रतिशत प्रभावशाली होने की उम्मीद नहीं कर रहा है। ऐसे में अब नागरिकों को ही सतर्क रहकर इससे बचने के उपाय खोजने होंगे।
इन देशों में सबसे ज्यादा खतरा
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घ्रेबियसस ने कहा कि पिछले हफ्ते लगभग 7,500 मामले सामने आए थे, जो पिछले दिनों की तुलना में 20 प्रतिशत ज्यादा हैं। यूरोप और अमेरिका में सबसे ज्यादा उन लोगों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आ रहे हैं, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं।
किसे है खतरा, क्या है लक्षण?
रिपोर्ट की माने तो ज्यादातर मामलों में लोग बगैर इलाज के ही कुछ हफ्तों में मंकीपॉक्स से ठीक हो जाते हैं। इसके लक्षण शुरू में फ्लू जैसे होते हैं, जैसे बुखार, ठंड लगना और सूजी हुई लिम्फ नोड्स। डब्ल्यूएचओ के अनुसार यह वायरस छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और ऐसे व्यक्तियों में ज्यादा गंभीर हो सकता है जिनकी इम्युनिटी कम है। या उन लोगों में जो किसी न किसी बीमारी के चलते अपनी इम्युनिटी गवां चुके हैं।
शरीर में कैसे करता है एंट्री?
मंकीपॉक्स वायरस के इंसान के शरीर में एंट्री करने के कई तरीके हैं। यह वायरस (Monkeypox Virus) ब्रोकन स्किन, रेस्पिरेटरी ट्रैक, आंख, नाक और मुंह और शारीरिक तरल पदार्थों के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है। मंकीपॉक्स एक जूनोटिक डिजीज है। यह जानवरों में उत्पन्न होता है और मध्य और पश्चिम अफ्रीका के दूरदराज के हिस्सों में ज्यादा पाया जाता है।
कैसे पड़ा 'मंकीपॉक्स' नाम?
1958 में पहली बार 'मंकीपॉक्स' वायरस नाम दिया गया था। प्रमुख प्रकारों की पहचान उन भौगोलिक क्षेत्रों द्वारा की गई थी। जहां इसका प्रकोप हुआ था। डब्ल्यूएचओ ने जुलाई के अंत में आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि बहु-देशीय मंकीपॉक्स का प्रकोप इस समय अंतरराष्ट्रीय चिंता का एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बन गया है। हाल ही में मंकीपॉक्स पर आई डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 89 देशों और क्षेत्रों में अब तक 27,814 प्रयोगशाला-पुष्टि के मामले सामने आए हैं। इस बीमारी से 11 मौतें हुई हैं, जिनमें यूरोप और अमेरिका सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
मंकीपॉक्स के लक्षण | Symptoms Of Monkeypox
बुखार
तत्वा पर चकत्ते (चेहरे से शुरू होकर, हाथ, पैर, हथेलियों, तलवों तक)
सूजे हुए लिम्फ नोड्स
सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकावट
गले में खराश और खांसी
मंकीपॉक्स का इलाज | Treatment Of Monkeypox
यह अपने आप ठीक होने वाली बीमारी है। मतलब इसके लक्षण अपने आप ठीक हो जाते हैं।
बुखार या दर्द जैसे लक्षणों के लिए दवा दी जा सकती है।
दूसरी बार संक्रमण न हो इससे बचने के लिए चकत्ते या अल्सर को एंटीसेक्टिक घोल या कीटाणुरहित गर्म पानी से साफ करना चाहिए।
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मंकीपॉक्स किसे हो सकता है? | Who Can Get Monkeypox?
मंकीपॉक्स किसी को भी हो सकता है अगर वे किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक या बार-बार संपर्क में आए हों।
क्या करना चाहिए?
संक्रमित मरीजों को दूसरों से अलग रखें।
अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं। या हैंडसेनिटाइजर का उपयोग करें।
जब संक्रमित व्यक्ति के पास हों तो मास्क और डिस्पोजेबल दस्ताने पहनें।
पर्यावरण स्वच्छता के लिए कीटाणुनाशक का प्रयोग करें।
क्या नहीं करना चाहिए?
जिन लोगों को मंकीपॉक्स हुआ उनके साथ, चादर, बिस्तर या तौलिया शेयर न करें।
संक्रमित व्यक्ति के गंदे चादर, कपड़े गैरसंक्रमित व्यक्ति के कपड़ों के साथ न धोएं।
अगर आपको मंकीपॉक्स के लक्षण दिखते हैं तो सार्वजनिक कार्यों में भाग न लें।