PM Modi Visit US: क्‍यों खास है पीएम मोदी का अमेरिकी दौरा?

मंगलवार, 20 जून 2023 (15:00 IST)
PM Modi Visit US:  भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार राष्‍ट्रपति के निमंत्रण पर अमेरिका पहुंचे। यूं तो पीएम मोदी ने पहले भी यूएस की यात्राएं की हैं, वे साल 2014 में पीएम बनने के बाद सात बार अमेरिका की यात्रा कर चुके हैं, लेकिन यह पीएम मोदी का पहला राजकीय दौरा है।
उल्‍लेखनीय है कि साल 2002 में गुजरात दंगों के बाद अमेरिका ने नरेंद्र मोदी को अमेरिका के लिए वीजा देने से इनकार कर दिया था। अब 2023 में उसी अमेरिका ने पीएम मोदी को राजकीय यात्रा का निमंत्रण दिया है। तमाम वजहों में से एक यह भी वजह है कि पीएम मोदी के इस अमेरिकी दौरे पर पूरी दुनिया की नजर है।
आइए जानते हैं आखिर क्‍यों इतना खास है पीएम मोदी का यह अमेरिकी दौरा।

पीएम मोदी : न्यूयॉर्क से लेकर वॉशिंगटन डीसी तक
बता दें कि पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा न्यूयॉर्क से शुरू होगी, जहां वह 21 जून को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह की अगुवाई करेंगे। उल्‍लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 2014 में एक प्रस्ताव पारित करके 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था।

स्‍टेट विजिट पर पीएम मोदी : पीएम नरेंद्र मोदी देश के दूसरे प्रधानमंत्री और तीसरे बड़े नेता हैं जिन्हें अमेरिका ने स्टेट विजिट यानी राजकीय यात्रा पर बुलाया है। इससे पहले 1963 में सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन और 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अमेरिका की स्टेट विजिट पर जा चुके हैं।

राजकीय रात्रि भोज : पीएम मोदी वॉशिंगटन डीसी जाएंगे, जहां 22 जून को व्हाइट हाउस में उनका पारंपरिक स्वागत किया जाएगा और वह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ मुलाकात करेंगे। इसी शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में बाइडेन्स द्वारा राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया जाएगा।

Leaving for USA, where I will attend programmes in New York City and Washington DC. These programmes include Yoga Day celebrations at the @UN HQ, talks with @POTUS @JoeBiden, address to the Joint Session of the US Congress and more. https://t.co/gRlFeZKNXR

— Narendra Modi (@narendramodi) June 20, 2023
डिफेंस और व्‍यापारिक डील : प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका के इस दौरे में सबसे खास व्‍यापार और डिफेंस से संबंधी समझौते माने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि अभी तक के हिसाब से 22 हजार करोड़ रुपए के आर्म्ड ड्रोन्स और 350 लड़ाकू विमानों के लिए इंजन बनाने की तकनीक अमेरिका से खरीदने की डील तय की गई है। अमेरिका पिछले कुछ सालों से लॉबिंग भी कर रहा था। अगर व्‍यापार और डिफेंस संबंधी ये समझौते होते हैं तो दुनियाभर में भारत की छवि को और ज्‍यादा स्‍पष्‍ट करेगा।

मोदी की मिस्र यात्रा : अमेरिका की अपनी यात्रा के समापन के बाद, प्रधान मंत्री 24 से 25 जून तक राजकीय यात्रा के लिए मिस्र जाएंगे। पीएम मोदी इजिप्ट के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर जा रहे हैं। अल-सीसी इसी साल भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। इजिप्ट के साथ भारत की नजदीकी कूटनीतिक हिसाब से बेहद अहम मानी जा रही है।

रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की भूमिका : पिछले एक साल से ज्‍यादा वक्‍त से रूस और यूक्रेन का युद्ध चल रहा है। वहीं दुनिया में चीन की आक्रामक और विस्तारवादी नीतियों की भी चर्चा है। ऐसे में मोदी और बाइडन की मुलाकात को निर्णायक माना जा रहा है। हालांकि, रूस और यूक्रेन युद्ध में भारत अब तक तटस्थ ही रहा है, लेकिन अमेरिका और पश्चिमी देशों का दबाव है कि भारत रूस के खिलाफ सख्त स्टैंड लें। ऐसे में भारत की भूमिका पर दुनियाभर की नजर होगी।

अमेरिका के लिए भारत क्‍यों है जरूरी : दुनियाभर में चीन की बढती दखल से हर देश परेशान है। इसके साथ ही अमेरिका भी जानता है कि इंडो-पैसिफिक रीजन में चीन काउंटर कर उसके सामने खडे होने और शांति के लिए भारत का साथ और सपोर्ट जरूरी है। इसी मकसद से पिछले कुछ सालों में भारत और अमेरिका करीब आए हैं। भारत और अमेरिका क्वॉड से लेकर आई2यू2 जैसे अहम मंच पर एक साथ नजर आ चुके हैं। बता दें कि यह दौरा इसलिए भी अहम है क्‍योंकि करीब तीन महीने बाद भारत G20 सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है।

यूएस यात्रा पर क्‍या कहा मोदी ने : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका की उनकी यात्रा भारत-अमेरिका साझेदारी की गहराई एवं विविधता को समृद्ध करने का एक अवसर होगी और दोनों देश मिलकर साझा वैश्विक चुनौतियों का अधिक मजबूती से सामना कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर अमेरिका की तरफ से यह ‘विशेष निमंत्रण’ दर्शाता है कि दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच यह साझेदारी कितनी अहम एवं मजबूत है।
Written and Edited by navin rangiyal

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