Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सुरंग धंसने से उसमें फंसे 41 मजदूर जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। उन्हें बचाने की लगातार कोशिश की जा रही है। इसके लिए 12 नवंबर से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिल सकी है।
क्या है दक्ष की खासियत : दक्ष अपने नाम के मुताबिक ही कई कामों में दक्ष है। दक्ष के पास सीढ़ियों पर चढ़ने की काबिलियत है और ये लगातार 3 घंटे तक काम कर सकता है। 100 से 500 मीटर के दायरे में इसे आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है। दक्ष का इस्तेमाल सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों की बम निरोधक इकाइयां (बीडीयू) आईईडी और अन्य खतरनाक पदार्थों से निपटने में करती हैं। आरओवी दक्ष में एक मोटराइज्ड पैन-टिल्ट प्लेटफॉर्म है और इसे 500 मीटर की रेंज के भीतर दूर से कंट्रोल किया जा सकता है।
कैमरे- हाईटेक उपकरणों से लैस दक्ष
DRDO का कहना है कि दक्ष विस्फोट के प्रभावों को झेलने में सक्षम है। ये कई कैमरों, IED हैंडलिंग टूल्स, परमाणु जैविक रसायन (NCB) टोही सिस्टम, एक मास्टर कंट्रोल स्टेशन (MCS) और एक बंदूक से लैस होता है।
9 दिनों से सुरंग में फंसे हैं 41 मजदूर
12 नवंबर की सुबह लगभग 5:00 बजे उत्तरकाशी में भूस्खलन के चलते यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया था, जिसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए। पिछले 9 दिनों मजदूर यहां फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के अभियान में राज्य और केंद्र की अलग-अलग एजेंसियां जुटी हैं। ये सभी मजदूर अभी सुरंग में सुरक्षित हैं और उन्हें पाइप की मदद से ऑक्सीजन और खाने-पीने की आवश्यक वस्तुएं पहुंचाई जा रही हैं। Edited By : Navin Rangiyal