शेखर दत्‍त : प्रोफाइल

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चंडीगढ़ के राज्‍यपाल और रक्षा मंत्रालय में सचिव पद पर रह चुके शेखर दत्‍त भारतीय सुरक्षा समिति के उपसलाहकार रह चुके हैं। 1969 मध्‍यप्रदेश कैडर के सदस्‍य रह चुके शेखर दत्‍त को 1971 में भारत-पाकिस्‍तान युद्ध के समय साहसिक कार्य करने के लिए सेना मेडल पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया जा चुका है।

रक्षा मंत्रालय में सचिव पद पर रहते हुए शेखर ने युद्धग्रसित क्षेत्रों में आधुनिकता आधारित शांति स्‍थापित तथा लोगों में विश्‍वास बहाली के लिए कई महत्‍वपूर्ण कार्य किए। वे 1 अगस्‍त 2005 को रक्षा मंत्रालय के सचिव बने और 2007 में भारतीय सुरक्षा समिति के उपसलाहकार बने।

शेखर दत्‍त रक्षा मंत्रालय में सचिव बनने से पहले डिफेंस प्रोडक्‍शन के सुरक्षा विभाग में कार्यरत थे। इससे पहले शेखर 1980 में रक्षा मंत्रालय में नेभी के निदेशक थे। इसके पहले वे 1985-89 में रायपुर राजस्व डिवीजन के संभागीय आयुक्त बने। 1991 में वे भारतीय रक्षा मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव पद पर लंबे समय तक कार्यरत रहे।

इसी दौरान शेखर ने भारत इलेक्‍ट्रॉनिक लिमिटेड अधीनस्‍थ बोर्ड ऑफ पब्लिक सेक्‍टर, भारत डायनामिक लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, मझगांव डॉक लिमिटेड, गार्डन रिच शिप-बिल्‍डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के निदेशक पद का कार्यभार संभाला।

2003 में वे डिफेंस प्रोडक्‍शन में जाने से पहले भारत के स्‍वास्‍थ्य मंत्रालय के सचिव रह चुके थे। शेखर चंडीगढ़ के राज्‍यपाल बनने से पहले कई महत्‍वपूर्ण पदों पर रहकर देश की सेवा कर चुके हैं। 2001 में स्‍पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया और मध्‍यप्रदेश सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ स्‍कूल एजुकेशन, स्‍पोर्ट्स एवं यूथ वेलफेयर के डायरेक्‍टर जनरल और प्रिंसीपल सेक्रेटरी पद पर रह चुके हैं।

2001 में भारतीय स्‍पोर्टस् अथॉरिटी के डारेक्‍टर जनरल रहते हुए उन्‍होंने पहली बार हो रहे अफ्रो-एशियन गेम को सफल बनाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। 2002 में हुए कॉमनवेल्‍थ गेम में भारत ने कुल 69 मेडल जीते। 23 जनवरी 2010 को शेखर को चंडीगढ़ का राज्‍यपाल नियुक्‍त किया गया।

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