डॉ. फारुख अब्‍दुल्‍ला : प्रोफाइल

शुक्रवार, 6 सितम्बर 2013 (12:10 IST)
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भारत के नवीन एवं नवीनतम ऊर्जा मंत्री एवं जम्‍मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के डॉ. फारुख अब्‍दूल्‍ला का जन्‍म जम्‍मू-कश्मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री और पेशे से डॉक्‍टर शेख अब्‍दुल्‍ला के घर 21 अक्‍टूबर 1937 को जम्‍मू-कश्मीर के सोउरा में हुआ था।

इनकी प्रारंभिक शिक्षा श्रीनगर में हुई। इसके बाद उन्होंने जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। 14 सितंबर 1964 को इन्होंने ब्रिटिश मूल की नर्स मोल्‍ली से शादी कर ली। इनकी 3 पुत्रियां एवं 1 पुत्र उमर अब्‍दुल्‍ला
हैं। उमर अब्‍दुल्‍ला वर्तमान में जम्‍मू-कश्मीर राज्‍य के मुख्‍यमंत्री हैं।

फारुख अब्‍दूल्‍ला के जम्‍मू-कश्मीर की राजनीति में आने से वहां की राजनीति में बहुत बदलाव हुआ और वे 1981 में नेशनल कांफ्रेस के अध्‍यक्ष चुन लिए गए। 1982 में उनके पिता की मृत्‍यु के बाद वे जम्‍मू-कश्मीर के मुख्‍यमंत्री बने।

1984 में राज्‍यपाल ने फारुख अब्‍दुल्‍ला सरकार को बर्खास्‍त कर दिया और राज्‍य में प्रो कांग्रेस की सरकार बनी। 1986 में एक बार फिर प्रो कांग्रेस सरकार को बर्खास्‍त किया गया और नेशनल कांग्रेस और कांग्रेस के साथ मिलकर अब्‍दुल्‍ला ने सरकार बनाई। 1987 में अब्‍दुल्‍ला ने चुनाव जीतकर नेशनल कांग्रेस और कांग्रेस के साथ सरकार बनाई।

उसी दौरान राज्‍य में पाकिस्‍तानी सैनिकों द्वारा उपद्रव मचाया जा रहा था जिसमें कई निर्दोष व्‍यक्ति मारे गए थे। साथ ही राज्‍य के गृहमंत्री की बेटी का अपहरण कर लिया गया जिसके कारण राज्‍य सरकार को बर्खास्‍त कर राष्‍ट्रपति शासन लगाया गया था। 1996 में हुए राज्‍य विधानसभा चुनाव में एक बार फिर फारुख अब्‍दुल्‍ला की सरकार बनी।

2002 में वे पहली बार जम्‍मू-कश्‍मीर राज्‍यसभा के लिए चुने गए और 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में वे जीते। इसके बाद वे यूपीए सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। इसके बाद वे अगस्‍त 2013 में जम्‍मू-कश्‍मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्‍यक्ष बने।

उनका सपना है विदेश मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद भारत का राष्‍ट्रपति बनना जिसके लिए वे लगातार प्रयास कर रहे हैं कि वे दिल्ली की केंद्र सरकार में शामिल हो जाएं।

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