भारत के सबसे सफल रेलमंत्रियों में से एक लालू प्रसाद यादव बिहार के बड़े राजनीतिज्ञों में गिने जाते हैं। लालू प्रसाद यादव पिछले 17 सालों से चारा घोटाले से बचते आ रहे थे। मगर 3 अक्टूबर 2013 को रांची स्थित सीबीआई के विशेष अदालत ने 5 साल की सजा और 25 लाख का जुर्माने की सजा सुना दिया। कोर्ट ने लालू प्रसाद को चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ 68 लाख रूपए को गबन करने का आरोप में दोषी पाया था।
कोर्ट ने लालू सहित 45 आरोपियों को भी इस मामले में दोषी करार दिया है। अब लालू प्रसाद की राजनीतिक जीवन खतरे में पड़ गई है क्योंकि कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने दो साल से ज्यादा समय तक जेल में रहने के कारण नेताओं की सदस्यता खत्म हो जाएगी। अब 3 अक्टूबर को कोर्ट लालू को 5 साल की सजा सुनाई गई। पुलिस ने उन्हें अपने हिरासत में ले लिया और रांची स्थित बिरसा मुंडा जेल में रखा गया।
इनका जन्म 11 जून 1947 को बिहार राज्य के गोपालगंज जिले के फूलवरिया गांव में यादव परिवार में हुआ। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गोपालगंज से प्राप्त की तथा कॉलेज की पढ़ाई के लिए वे पटना चले आए। पटना के बीएन कॉलेज से इन्होंने लॉ में स्नातक तथा राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की।
लालू प्रसाद ने कॉलेज से ही अपनी राजनीति की शुरुआत छात्र नेता के रूप में की। इसी दौरान वे जयप्रकाश नारायण द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन का हिस्सा बन गए और जयप्रकाश नारायण, राजनारायण, कर्पुरी ठाकुर तथा सतेन्द्र नारायण सिन्हा जैसे राजनेताओं से मिलकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
29 वर्ष की आयु में ही वे जनता पार्टी की ओर से 6ठी लोकसभा के लिए चुन लिए गए। 1 जून 1973 को इनकी शादी राबड़ी देवी हुई। लालू प्रसाद की कुल 7 बेटियां और 2 बेटे हैं जिनमें से सभी बेटियों की शादी हो चुकी है।
लालू प्रसाद 10 मार्च 1990 को पहली बार बिहार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तथा दूसरी बार 1995 में मुख्यमंत्री बने। 1997 में लालू प्रसाद जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल पार्टी बनाकर उसके अध्यक्ष बने।
2004 में हुए लोकसभा चुनाव में ये बिहार के छपरा संसदीय सीट से जीतकर केंद्र में यूपीए शासनकाल में रेलमंत्री बने और रेलवे को काफी मुनाफा दिलवाया।
2009 में एक बार फिर वे लोकसभा के लिए चुन लिए गए। लालू प्रसाद पर 9.50 बिलियन के चारा घोटाले का आरोप भी है, जो इन्होंने अपने बिहार के मुख्यमंत्री के शासनकाल में किया था। इसी सिलसिले में वे कई बार जेल भी जा चुके हैं।
इससे पहले लालू प्रसाद 8 बार बिहार विधानसभा के सदस्य भी रह चुके हैं तथा 2004 में वे पहली बार बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता बने। 2002 में छपरा संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में वे दूसरी बार लोकसभा सदस्य बने।
लालू प्रसाद अपने बोलने की शैली के लिए मशहूर हैं। इसी शैली के कारण लालू प्रसाद भारत सहित विश्व में भी अपनी विशेष पहचान बनाए हुए हैं। इनकी रुचि खेलों तथा सामाजिक कार्यों में भी रही है। 2001 में वे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और आज उनका बड़ा बेटा तेजप्रताप बिहार क्रिकेट रणजी टीम का सदस्य है।