नई दिल्ली। कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों और सरकार के बीच 11वें दौर की बातचीत के बाद भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। न तो सरकार कृषि कानून वापस लेने को तैयार है और न ही किसान पीछे हटने को तैयार। अब 12वें दौर की बातचीत कब होगी, ये भी तय नहीं है।
इस बीच पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि किसान आंदोलन के दौरान जितने भी किसानों ने दम तोड़ा है, पंजाब सरकार उन सभी के एक-एक परिजन को नौकरी देगी।
अमरिंदर ने कृषि कानूनों को जल्दबाजी में पास करने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि क्या इस देश में एक संविधान है? कृषि अनुसूची के तहत एक राज्य का विषय है। केंद्र ने संसद में चर्चा के बिना इसे क्यों बदल दिया? उन्होंने इसे लोकसभा में पारित कर दिया क्योंकि वे अधिक सदस्य थे। राज्यसभा में यह अराजकता में पारित किया गया क्योंकि उन्हें लगा कि चीजें गलत हो सकती हैं।