चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने किसान आंदोलन के 1 साल पूरे होने पर शुक्रवार को कहा कि केवल कठोर कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र एवं मानवाधिकारों के मूल्यों को बरकरार रखने के लिए किसानों का अहिंसक संघर्ष वीरता, संयम और प्रतिबद्धता की अनूठी गाथा है। चन्नी ने कहा कि वे 1 साल से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों की अदम्य भावना को सलाम करते हैं।
किसान पिछले 1 साल से दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ यह आंदोलन पिछले साल 26-27 नवंबर को 'दिल्ली चलो' कार्यक्रम के साथ शुरू हुआ था। केंद्र ने तीनों कानूनों को निरस्त करने की हाल में घोषणा की है।
चन्नी ने ट्वीट किया कि केवल कठोर कानूनों को निरस्त करने के लिए ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र एवं मानवाधिकारों के मूल्यों को बरकरार रखने के लिए उनका अहिंसक संघर्ष वीरता, संयम और प्रतिबद्धता की अनूठी गाथा है। उन्होंने कहा कि मैं मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए काले कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में पिछले साल इसी दिन से प्रदर्शन कर रहे किसानों की अदम्य भावना को सलाम करता हूं।