सिंघू बॉर्डर पर कांग्रेस सांसद रवनीतसिंह बिट्टू पर जानलेवा हमला, पगड़ी खींची गई

रविवार, 24 जनवरी 2021 (23:33 IST)
चंडीगढ़। कांग्रेस सांसद रवनीतसिंह बिट्टू पर रविवार को सिंघू बॉर्डर पर एक ‘जनसंसद’ कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर हमला किया गया, उन्हें धक्का दिया गया और उनकी पगड़ी खींची गई। उन्होंने इस घटना को कुछ शरारती तत्वों द्वारा किया गया जानलेवा हमला बताया है।
 
लुधियाना से सांसद बिट्टू के वाहन को भी गुरू तेग बहादुरजी स्मारक पर क्षतिग्रस्त कर दिया गया, जहां वे कांग्रेस के अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला और पार्टी के विधयक कुलबीर सिंह जीरा के साथ कार्यक्रम में शामिल होने गए थे।
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बिट्टू ने संवाददाताओं से कहा कि मुझ पर डंडों और हथियारों से लैस लोगों के एक समूह ने घात लगाकर हमला किया। हालांकि यह हमला सुनियोजित तरीके से किया गया, लेकिन हम वहां से फौरन ही निकल गए क्योंकि हम नहीं चाहते हैं कि कुछ उपद्रवियों के चलते किसानों के प्रदर्शन में बाधा आए। पुलिस अधिकारियों के मुातबिक कथित घटना के बारे में अब तक कोई शिकायत नहीं प्राप्त हुई है।
 
बिट्टू ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि कुछ शरारती तत्वों ने, जिनके इरादे के बारे में मालूम नहीं हैं, हम तीनों पर जानलेवा हमला कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। बिट्टू, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं। बेअंतसिंह की 1995 में हत्या कर दी गई थी।
 
उल्लेखनीय है कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में बिट्टू, औजला और जीरा दिल्ली के जंतर मंतर पर पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। बिट्टू ने दावा किया है कि कुछ लोगों ने स्मारक के पास उन्हें धक्का दिया और उनकी पगड़ी खींची। उन्होंने इस घटना को जानलेवा हमला जैसा करार दिया है। इस बीच, जीरा की भी पगड़ी हट गई।
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बिट्टू को कुछ लोगों ने बचाने की कोशिश की और उन्हें उनके वाहन तक लगे गये। हालांकि, वाहन के अंदर उनके घुस जाने के बाद भी लोगों के एक समूह ने उनकी एसयूवी(वाहन) पर डंडों से हमला किया और इसके कांच तोड़ दिये। बिट्टू पर हमले का कारण तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाया है।
 
उन्होंने फेसबुक पोस्ट में यह भी कहा कि तीनों नेता सही सलामत हैं और घटना के लिए कुछ शरारती तत्वों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने लिखा है कि जीरा और औजला के साथ वे जनसंसद में शामिल होने स्मारक पर गए थे। जीरा ने भी कुछ शरारती तत्वों पर हमला करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि किसान ऐसी गतिविधि में संलिप्त नहीं रहे होंगे। (भाषा)

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