नए कृषि कानून पर केंद्र सरकार के किसानों संगठनों को फिर से बातचीत के पत्र के बाद आज 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक साथ बैठक कर सरकार से आगे की बातचीत सशर्त करने पर अपनी सहमति जताई है। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद 40 किसान संगठनों की ओर से कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल को पत्र लिखर 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे बैठक की बात कही गई है। किसान संगठनों ने कहा क है कि वह खुले मन से वार्ता करने के लिए हमेशा तैयार रहे है और आगे भी रहेंगे।
वहीं संयुक्त किसान मोर्च की जवाबी चिट्ठी में लिखा गया है कि “अफसोस है कि इस चिठ्ठी में भी सरकार ने पिछली बैठकों के तथ्यों को छिपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है। हमने हर वार्ता में हमेशा तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की। सरकार ने इसे तोड़ मरोड़ कर ऐसे पेश किया, मानो हमने इन कानूनों में संशोधन की मांग की थी। हमने पहली बातचीत से ही लगातार MSP का मुद्दा उठाया, लेकिन सरकार ऐसे दिखाती है मानो हम इस मुद्दे को पहली बार उठा रहे हैं। आप अपनी चिठ्ठी में कहते हैं कि सरकार किसानों की बात को आदरपूर्वक सुनना चाहती है। अगर आप सचमुच ऐसा चाहते हैं तो सबसे पहले वार्ता में हमने क्या मुद्दे कैसे उठाए हैं, इसके बारे में गलतबयानी ना करें और पूरे सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करें”।
चिट्ठी में आगे लिखा है कि “सरकार कहती हैं कि वह किसानों की सुविधा के समय और किसानों द्वारा चुने मुद्दों पर वार्ता करने को तैयार है, इसलिए हम संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सभी संगठनों से बातचीत कर निम्नलिखित प्रस्ताव रख रहे हैं। हमारा प्रस्ताव यह है कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर 2020 को सुबह 11 बजे आयोजित की जाए।