भोपाल। मध्यप्रदेश में किसान संगठनों के भारत बंद का मिला जुला असर देखने को मिला। किसान संगठनों के भारत बंद के दौरान प्रदेश के कई जिलों में किसान संगठनों के नेतृत्व में किसानों ने सड़क पर उतरकर अपना विरोध जताया। राजधानी भोपाल में भारत बंद का कोई खास असर नहीं दिखाई दिया वहीं ग्वालियर-चंबल के कई जिलों में बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला।
भोपाल में बेअसर रहा बंद-नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान संगठनों के भारत बंद का राजधानी भोपाल में कोई असर नहीं दिखाई दिया। राजजधानी की सबसे बड़ी मंडी करोंद और नवबहार सब्जी मंडी में रोज की तरह खरीदी होता रही। मंडी में रोज की तरह आज भी व्यापारी अपनी फसल बेचने के लिए लाए है। वहीं राजधानी के सभी बाजार पूरी तरह खुले हुए दिखाई दे रहे है। बंद के समर्थन में छिटपुट किसान सड़क पर उतरकर अपना विरोध दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उनको रोका दिया। बंद के समर्थन में शहर कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में कार्यकर्ता उतरे हुए दिखाई दिए।
ग्वालियर में बंद का मिला जुला असर-किसान संगठनों के भारत बंद का मध्यप्रदेश में सबसे अधिक असर ग्वालियर-चबंल संभाग में दिखाई दिया। ग्वालियर में किसान संगठनों के साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस और आप कार्यकर्ता भी सड़क पर उतर कृषि कानूनों का विरोध करते हुए दिखाई दिए। बंद के समर्थन में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बंगले का घेराव करने की भी कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने करीब डेढ़ दर्जन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। भारत बंद के दौरान शहर की दीनापुर और लक्ष्मीगंज मंडी में भी लोगों की आवाजाही कम दिखाई दी।
इंदौर में बंद के समर्थन में कांग्रेस के दिग्गज- मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले शहर इंदौर में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। किसान संगठनों के बंद को सफल बनाने के लिए सुबह से कांग्रेस के बड़े नेता सड़क पर दिखाई दिए। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और जीतू पटवारी समेक कांग्रेस के कई विधायक छावनी मंडी बंद करने पहुंचे और मंडी के गेट पर धरना दिया। वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बंद के सर्मथन में मंडी पहुंचकर किसानवों और हम्मालों से बात की।
जबलपुर में खुली रही दुकानें– प्रदेश की संस्कारधानी कहे जाने वाले शहर जबलपुर में भारत बंद का कोई असर नहीं दिखाई दिया। शहर की सभी बाजार खुले हुए दिखाई दिए। जिले के ग्रामीण इलाकों में जरूर कुछ स्थानों पर किसान सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करते हुए दिखाई दिए।
नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर भोपाल के नीलम पार्क में धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि सरकार के दबाव में भोपाल का भले ही बंद का भोपाल में कम असर दिखाई दिया हो लेकिन राज्य के अन्य जिलों में मंडियों में कामकाज नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के दबाव में पुलिस ने किसानों को आने से रोक दिया।