विजयन ने कहा कि प्रदर्शन के अंतिम 35 दिन में कम से कम 32 किसानों की जान गई है। उन्होंने कहा कि जब लोगों को उनके जीवन को प्रभावित करने वाले किसी मुद्दे को लेकर चिंता हो, तब विधानसभाओं की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे इस पर गंभीरता से विचार करे।
उन्होंने कहा कि केन्द्र ऐसे समय पर यह विवादास्पद कानून लेकर आई है, जब कृषि क्षेत्र पहले से ही चुनौतियों का सामना कर रहा है और इसलिए किसानों को चिंता है कि वे मौजूदा समर्थन मूल्य का फायदा भी खो देंगे। (भाषा)