कुछ बिन्दुओं में जानिए किसान आंदोलन से जुड़ा संपूर्ण घटनाक्रम...

शुक्रवार, 19 नवंबर 2021 (19:27 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को 3 विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा से सरकार और किसानों के बीच सालभर से चल रहा टकराव खत्म होने की उम्मीद बनी है। किसान नेताओं के मुताबिक कृषि कानूनों के विरुद्ध इस आंदोलन में 700 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है।

इन कानूनों से यह चिंता पैदा हो गई थी कि इससे चुनिंदा फसलों पर सरकार द्वारा दी गई न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी खत्म हो जाएगी और किसानों को बड़े उद्योगपतियों की दया पर छोड़ दिया जाएगा।

इन कानूनों की घोषणा किए जाने के बाद से ही हजारों किसान इन्हें निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर जुटे, जिसके कारण शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार से अलग होना पड़ा। इन प्रदर्शनों पर युवा पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग, गायिका-कार्यकर्ता रिहाना और अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी, वकील-लेखिका मीना हैरिस ने भी प्रतिक्रिया दी।

इन कानूनों को लाए जाने के बाद की घटनाएं इस प्रकार हैं :

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