चिदंबरम ने ट्वीट किया कि लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन से क्या हासिल नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री की ओर से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करना नीति में बदलाव और हृदय परिवर्तन से प्रेरित नहीं है। यह चुनाव के डर से फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि बहरहाल, यह किसानों के लिए बड़ी जीत है और कांग्रेस पार्टी के लिए भी जीत है, जो इन कानूनों का पुरजोर विरोध कर रही थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि पहले संसद में जोर-जबर्दस्ती से कानून पारित करवाते हैं, फिर अप्रत्याशित विरोध का सामना करते हैं, फिर उत्तरप्रदेश एवं पंजाब में चुनाव का सामना करते हैं। आखिरकार कानून निरस्त करते हैं। आखिर में किसान की जीत हुई। मैं अपने किसानों की दृढ़ता को सलाम करता हूं जिन्होंने हिम्मत नहीं हारी।