यहां एक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक के अनुसार विवाह के निमंत्रण पत्र पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगत सिंह का चित्र भी छपवाया जा रहा है। प्रेस के मालिक ने कहा कि बहुत से किसान परिवार और अन्य लोग शादी के निमंत्रण पत्र पर 'किसान नहीं तो अन्न नहीं' जैसे नारे छापने और सर छोटूराम तथा भगत सिंह के चित्र लगाने का अनुरोध कर रहे हैं। सर छोटूराम का जन्म 24 नवंबर 1881 को हुआ था और उन्हें 'किसानों का मसीहा' माना जाता है। ब्रिटिश शासनकाल में किसानों को सशक्त करने में उनकी अहम भूमिका थी।
यहां स्थित ढूंढरेहड़ी गांव के किसान प्रेमसिंह गोयत उन लोगों में से एक हैं जिन्होंने अपने बेटे की शादी के निमंत्रण पत्र पर किसानों के समर्थन में नारा छपवाया है। गोयत ने कहा कि इन कानूनों के विरुद्ध हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और हम उनके समर्थन में खड़े हैं। मेरे बेटे की 20 फरवरी को शादी होने वाली है और मुझे लगा कि क्यों न हम निमंत्रण पत्र पर सर छोटूराम और शहीद भगत सिंह के चित्र छपवाएं? (भाषा)