Live Updates : कृषि कानून के खिलाफ 30 दिन से डटे किसान, दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम

Webdunia
शुक्रवार, 25 दिसंबर 2020 (12:40 IST)
नई दिल्ली। 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के तीन प्रवेश स्थानों (सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बार्डर) पर पिछले 28 दिनों से 40 किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान आंदोलन से जु़ड़ी हर जानकारी... 


03:31 PM, 25th Dec
-केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, जो लोग बैठे हैं (दिल्ली के बॉर्डर पर) उनमें कई लोगों को गलतफहमियां हैं और वो लगभग किसान एक ही क्षेत्र से आते हैं। देश में दो बार उन्होंने भारत बंद का ऐलान किया लेकिन वो कहीं भी सफल नहीं हुए। उनके पास कोई तर्क नहीं है इसलिए वो चर्चा से भाग रहे हैं।

03:30 PM, 25th Dec
-आंदोलनकारी किसानों से कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए आगे आने की अपील करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि यदि किसानों को कानून लाभकारी नहीं लगते तो सरकार उनमें संशोधन करेगी।
-आंदोलनकारी किसानों को अपने ही लोग बताते हुए सिंह ने कहा, ‘धरने पर बैठे लोग किसान हैं और किसान परिवारों में जन्मे हैं। हम उनके प्रति बहुत सम्मान रखते हैं।‘


12:44 PM, 25th Dec
-किसान संगठन शुक्रवार को बैठक कर केंद्र के पत्र पर बातचीत कर सकते हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को धन अंतरण के दौरान उन्हें संबोधित करेंगे। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन को एक महीना पूरा होने वाला है।
- दिल्ली की सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर किसानों के 40 संगठनों का ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की आज दिन में बैठक हो सकती है जिसमें केंद्र के पत्र पर चर्चा कर औपचारिक रूप से इसका जवाब देने के लिए विचार-विमर्श हो सकता है।
- प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में अनेक मार्गों को बंद कर दिया है और मार्ग बदलने के कारण भी यातायात की समस्या आ रही है।

12:44 PM, 25th Dec
- इस बीच, दिल्ली यातायात पुलिस ने शुक्रवार को ट्वीट कर बताया कि सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, साबोली और मंगेश सीमाएं यातायात के लिए बंद हैं।
- विभाग ने ट्वीट किया, ‘‘कृपया लामपुर, सफियाबाद, पल्ला और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बॉर्डर के रास्ते वैकल्पिक मार्ग का उपयोग करें। मुकरबा और जीटीके रोड से यातायात का मार्ग बदला गया है। कृपया आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच 44 से निकलने से बचें।’’
- यातायात पुलिस ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली आने के लिए चिल्ला तथा गाजीपुर बॉर्डर बंद हैं।
- उसने कहा, ‘‘दिल्ली आने के लिए लोगों को आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा, भोपरा और लोनी सीमाओं के रास्ते वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी जाती है।’’
- दिल्ली यातायात पुलिस ने एक परामर्श में कहा कि सिंघू सीमा के आगे एनएच-44 को आम यातायात के लिए शनिवार से बंद कर दिया गया है और जनता को असुविधा नहीं हो, इस लिहाज से मार्ग बदले गए हैं।

10:39 AM, 25th Dec
-भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल समेत अमेरिका के सात प्रभावशाली सांसदों ने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि भारत में किसान आंदोलन के मुद्दे को वह अपने भारतीय समकक्ष के सामने उठाएं।
-भारत ने किसानों के प्रदर्शन के बारे में विदेशी नेताओं की टिप्पणियों को भ्रामक सूचनाओं पर आधारित और अनुचित बताया है तथा जोर देकर कहा है कि यह एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से जुड़ा मुद्दा है।
-विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इस महीने की शुरुआत में कहा था, हमने भारत में किसानों से संबंधित कुछ ऐसी टिप्पणियों को देखा है जो भ्रामक सूचनाओं पर आधारित है। इस तरह की टिप्पणियां अनुचित हैं, खासकर जब वे एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित हों।

08:51 AM, 25th Dec
-किसानों के खाते में आज दोपहर 12 बजे जमा होंगे 2000 रुपए, मोदी करेंगे अन्नदाताओं से बात
- प्रधानमंत्री 9 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों के खातों में 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित करेंगे। 
-वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान मोदी 6 राज्‍यों के किसानों से संवाद भी करेंगे तथा किसान सम्‍मान निधि और किसानों के कल्‍याण के लिए सरकार द्वारा की गई अन्‍य पहल के बारे में अपने अनुभव साझा करेंगे।

08:51 AM, 25th Dec
-कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के नेताओं को पत्र लिखकर उन्हें वार्ता के लिए फिर से आमंत्रित किया।
-उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित किसी भी नई मांग को एजेंडे में शामिल करना ‘तार्किक’ नहीं होगा क्योंकि नए कृषि कानूनों से इसका कोई संबंध नहीं है।

08:50 AM, 25th Dec
-आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने आरोप लगाया कि वार्ता के लिए सरकार का नया पत्र कुछ और नहीं, बल्कि किसानों के बारे में एक दुष्प्रचार है ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि वे बातचीत को इच्छुक नहीं हैं।
-किसान संगठनों ने सरकार से वार्ता बहाल करने के लिए एजेंडे में तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने को भी शामिल करने को कहा। 

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