PM Kisan Samman Nidhi : PM मोदी का किसानों के नाम संबोधन, भाषण की 10 बड़ी बातें

Webdunia
शुक्रवार, 25 दिसंबर 2020 (16:47 IST)
पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना की नई किस्त में 9 करोड़ से अधिक किसानों के लिए औपचारिक रूप से 18,000 करोड़ रुपए की राशि जारी करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फेंस के जरिए देश के किसानों को संबोधित किया। संबोधन में कांग्रेस, वामदलों के साथ ममता सरकार पर भी निशाना साधा। जानिए संबोधन की 10 बड़ी बातें- 
 
1. पीएम मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध के लिए इसकी आड़ में राजनीतिक हित साधने वाले लोगों को दोषी ठहराया। 
 
2. पीएम ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर चिंताओं की जगह हिंसा के आरोपियों की रिहाई और राजमार्गों को टोल मुक्त बनाने जैसे असंबंद्ध मुद्दे इसमें हावी होने लगे हैं।
 
3. तीन कृषि कानूनों को पुरजोर तरीके से बचाव करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार उन लोगों के साथ भी बातचीत करने को तैयार है जो अलग विचारधारा के चलते सरकार के खिलाफ हैं लेकिन यह बातचीत ‘तर्कसंगत, तथ्यों और मुद्दों’ पर आधारित होनी चाहिए।
 
4. पीएम ने दावा किया कि बड़ी संख्या में देश के किसानों ने इन तीन कृषि कानूनों का स्वागत किया है और वे इसके फायदे भी उठा रहे हैं। 
 
5. पीएम मोदी ने तर्क दिया कि हाल कि दिनों में असम, राजस्थान ओर जम्मू एवं कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में हुए स्थानीय निकाय के चुनावों में भाजपा को जीत मिली और इन चुनावों में भाग लेने वाले मतदाता मुख्यत: किसान थे।
 
6. उन्होंने कहा कि देश की जनता ने जिन राजनीतिक दलों को नकार दिया है वे अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए किसानों को गुमराह कर रहे हैं।
 
7. अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने पीएम-किसान योजना लागू न करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की तीखी आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि जहां तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं वहीं पश्चिम बंगाल में इस योजना को राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वित न किए जाने पर वहां कोई आंदोलन नहीं हो रहा है। पूरे हिंदुस्तान के किसानों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। सभी विचारधारा की सरकारें, इससे जुड़ी हैं लेकिन लेकिन एकमात्र पश्चिम बंगाल है जहां के 70 लाख से अधिक किसान इस योजना के लाभ नहीं ले पा रहे हैं। उनको यह पैसे नहीं मिल पा रहे हैं, क्योंकि बंगाल की सरकार अपने राजनीतिक कारणों से इसे लागू नहीं कर रही है।’’
 
8. किसानों के प्रदर्शन् का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि जब आंदोलन की शुरुआत हुई थी तब नये कानूनों को लेकर उनकी एमएसपी सहित कुछ वाजिब चिंताएं थीं लेकिन बाद में इसमें राजनीतिक लोग आ गए और उन्होंने किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर चलाना आरंभ कर दिया और असंबंद्ध मुद्दों को उठाना आरंभ कर दिया। आपने देखा होगा कि जब आंदोलन की शुरुआत हुई थी तो उनकी मांग एमएसपी गारंटी की थी। उनके मुद्दे वाजिब थे क्योंकि वे किसान थे। लेकिन अब इसमें राजनीतिक विचारधारा के लोग हावी हो गए। 
 
9. पीएम ने कहा कि एमएसपी वगैरह को अब किनारे रख दिया गया है। अब वहां क्या हो रहा है। वे हिंसा के आरोपियों की जेल से रिहाई की मांग कर रहे हैं...वे राजमार्गों को टोल-फ्री करवाना चाहते हैं। किसानों की मांग से वह दूसरी मांगों की ओर क्यों चले गए?
 
10. मोदी ने कहा कि कुछ पार्टियां नये कृषि कानूनों का विरोध कर अपना राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं। कुछ लोग यह भ्रम और झूठ फैला रहे हैं कि यदि किसान अनुबंध खेती करेंगे तो उनकी जमीन चली जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग केरल में कई साल से राज कर रहे हैं वही लोग पंजाब में किसानों के साथ सेल्फी खिंचाने के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन इन लोगों ने अपने राज्य (केरल) में मंडी प्रणाली के लिए कुछ नहीं किया।

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