चंडीगढ़। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार 'कॉर्पोरेट समर्थक' है, जिस कारण वह कृषि कानूनों पर किसानों से वार्ता नहीं कर रही है और कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर बैठे आंदोलनकारी किसान भी तभी अपने घर वापस जाएंगे जब उनकी मांगें पूरी हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि यह आंदोलन नौ महीने से जारी है और सरकार ने 22 जनवरी के बाद बातचीत नहीं की है। हमने बार-बार कहा है कि यह सरकार बड़े उद्योगपतियों द्वारा चलाई जा रही है। इसलिए वे हमसे बात नहीं कर रहे हैं। टिकैत ने सरकार पर सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने के भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उनका कहना है कि इन्हें वे लीज पर दे रहे हैं। क्या एक दिन वे संसद को भी लीज पर दे देंगे?