इसके बाद जापान ने सेनेगल को 2-2 से बराबरी पर रोका और अब उसके दो मैचों में चार अंक हैं और वह ग्रुप एच में शीर्ष पर है। अगर वह कल पोलैंड से ड्रा भी खेलता है तब भी अंतिम-16 में पहुंच जाएगा। यहां तक कि हार पर भी वह नॉकआउट में पहुंच सकता है लेकिन इसके लिए सेनेगल को कोलंबिया को हराना होगा। बहरहाल जापान अपने दम पर आगे बढ़ने की कोशिश करेगा।
यही नहीं वह ग्रुप में शीर्ष पर रहने के लिए भी कसर नहीं छोड़ेगा। उसका मुकाबला पोलैंड की उस टीम से है जो पहले दोनों मैच गंवाकर टूर्नामेट से बाहर हो चुकी है लेकिन उसे इस यूरोपीय टीम से सतर्क रहना होगा जो प्रतिष्ठा की खातिर मैदान पर उतरेगी। पोलैंड के कप्तान राबर्ट लेवानडोवस्की ने भी अपने खिलाड़ियों से जीत के साथ अपने अभियान का अंत करने की अपील की है।
पोलैंड 1986 के बाद पहली बार नॉकआउट में पहुंचने की उम्मीद के साथ रूस पहुंचा था लेकिन सेनेगल से 2-1 और कोलंबिया से 3-0 से हार से उसके सपने चूर-चूर हो गए। जापान ने भी अप्रैल में वाहिद हालिलहोदिच को कोच पद से हटा दिया था। उनकी जगह अकीरा निशिनो ने जगह संभाली तो आलोचकों को लगा कि पहले ही खराब प्रदर्शन करने वाली टीम रूस में जाकर कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाएगी।
यही नहीं उसके स्टार खिलाड़ी कीसुके होंडा का टीम में चयन तय नहीं था लेकिन अब वह तीन विश्व कप (2010, 2014, 2018) में गोल करने वाले पहले जापानी खिलाड़ी बन गए हैं। होंडा ने पूर्व में कहा था जापान विश्व कप जीत सकता है और अब भी वह अपने बयान पर कायम हैं। होंडा ने रूस के लिए रवाना होने से पहले कहा था, मैं जानता हूं कि मैंने जापानी लोगों से वादा किया है कि हम विश्व कप जीतेंगे। मैं उसे भूला नहीं हूं।
जापान के कप्तान माकोतो हासेब ने कहा कि उनकी टीम पोलैंड के खिलाफ पूरे तीन अंक हासिल करने के उद्देश्य से उतरेगी। उन्होंने कहा, भले ही हमने दो मैचों में चार अंक हासिल किए हैं लेकिन हमारे लिए अगला मैच निर्णायक होगा। हम इस मैच में तीन अंक हासिल करने के उद्देश्य से उतरेंगे। (भाषा)