टेलेंटेड महिला कर्मचारियों को कैसे करें आकर्षित

मोलतोल डॉट इन

गुरुवार, 21 मार्च 2013 (08:55 IST)
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एक्जम कंसल्टिंग पार्टनर्स, एक ऐसी फर्म जो बिजनेस को रणनीति स्पष्ट करने, वेल्यू पर फोकस और चिरस्थाई और लाभकारी ग्रोथ हासिल करने में मदद करती है, के अनुसार कार्यस्थल पर जेंडर बैलेंस-विशेषकर लीडरशिप पोजीशन में-कंपनियों को अपनी ऑर्गेनाइजेशनल परफॉरमेंस, ऑपरेटिंग रिजल्ट और मार्केट वेल्यूशन को इम्प्रूव करने में मदद कर सकती है।

अभी भी कई कंपनियों में पुरुष लीडरशिप पोजीशन पर अपना कब्जा जमाए हुए हैं, और अक्सर कंपनियां ऐसी पॉलिसियां बनाती हैं जिसमें महिला उच्च पद पर पहुंच ही नहीं पातीं। तब कंपनियों को अपने आप को ग्रेटर जेंडर बैलेंस बनाने के लिए क्या करना चाहिए जिससे वे वर्क एनवायरमेंट, वर्कप्लेस कल्चर और लाभ के मामले में अपने आप को ज्यादा वूमेन-फ्रेंडली बना सकें?

वुमन इन चार्ज : बिजनेस में महिलाओं के लिए अवसरों के विकास पर काम करने वाली नॉनप्रोफिट ऑरगेनाइजेशन कैटालिस्ट द्वारा 2012 में किए गए अध्ययन के मुताबिक 2011 में फॉरच्यून 500 कंपनियों के बोर्ड सीट पर केवल 16.6 फीसदी महिलाएं ही विराजमान थीं। अध्ययन में बताया गया कि 2011 में 3.3 फीसदी महिलाएं बोर्ड चेयर पर, 8.4 प्रतिशत महिलाएं लीड डायरेक्टर, 15.9 प्रतिशत महिलाएं ऑडिट कमेटी चेयर, 11.3 प्रतिशत कम्पनसेशन कमेटी चेयर और 19.0 फीसदी नोमीनेटिंग/गवर्नेंस चेयर पर थीं।

हालांकि, सामान्य स्पष्टीकरण दिए जाते हैं कि प्रतिबद्धता की कमी, महात्वाकांक्षा की कमी या परिवार की देखभाल के लिए काम को छोडऩा जैसी कुछ वजह से महिलाएं कंपनियों में उन्नत पदों के लिए आर्हता प्राप्त नहीं कर पाती हैं। यह झूठ हो सकता है।

20 वर्ष का भर्ती अनुभव रखने वाली और एमपावरमी की संस्थापक व सीईओ एड्रिन ग्राहम कहती हैं कि यदि कोई कंपनी वास्तव में महिला प्रतिभा को आकर्षित और उसे अपने साथ बनाए रखना चाहती है, तो उसे प्रतिभा विकास के क्षेत्र में और अधिक प्रयास करने चाहिए। ग्राहम के सुझाय कुछ रास्तों के जरिये कंपनियां अपनी महिला कर्मचारियों की प्रतिभा विकास और उन्हें अपने साथ बनाए रख सकती हैं, यह रास्ते हैं व्यावसायिक विकास, कैरियर कोचिंग, बड़े प्रोजेक्ट में उनकी सलाह, प्रमोशन तथा प्रत्येक महिला के कैरियर के लिए बेहतर कम्यूनिकेशन और मार्गदर्शन। वह कहती हैं कि कुछ कंपनियां केवल नाम के लिए महिलाओं के आत्मीयता कार्यक्रम चलाती हैं।

अलिसा कोहन, एक एक्जीक्यूटिव कोच, एमबीए व सीपीए, महिलाओं को एक लीडर और एक्जीक्यूटिव के रूप में सफलता हासिल करने के लिए मदद करती हैं। वह कहती हैं कि जब महिलाएं अपने ही जैसे किसी को काम में आगे बढ़ती देखती हैं तो उनमें विश्वास जागता है कि वे भी उच्च पदों पर ठीक इसी प्रकार पहुंच सकती हैं।

कोहन दो उपकरण बताती हैं जिनके उपयोग से कंपनियां महिलाओं को सीनियर पोजीशन तक पहुंचाने का सुनिश्चित रास्ता बना सकती हैं। पहला मेंटरशिप प्रोग्राम जहां एक सीनियर एक्जीक्यूटिव अपनी विंग में एक महिला कर्मचारी को रखता है और उसके जॉब परफॉरमेंस का मूल्याकंन करता है, उन्हें सलाह देता और अवसरों को और अधिक उपयोगी बनाने की रणनीति बनाने में मदद करता है।

कोहन कहती हैं कि संरक्षक को अपने प्रायोजक को उसके साथियों के सामने प्रमोट करना चाहिए। कोहन कहती हैं कि जब एक कंपनी औपचारिक या अनौपचारिक रूप से अपने सीनियर लीडर्स को किसी महिला का संरक्षक बनने के लिए प्रोत्साहित करती है, तब वह कंपनी महिलाओं के काम करने के लिए बेहतर कार्यस्थल बन जाता है, और अधिक महिलाएं सीनियर रेंक पर प्रमोट होती हैं। कोहन एक और सिफारिश करती हैं जिसे वह एक्जीक्यूटिव प्रेसेंस ट्रेनिंग कहती हैं।

वह कहती हैं कि महिलाएं जो बड़ा और अधिक विजिबल रोल लेने के लिए तैयार होती हैं कई बार विश्वास के साथ आगे नहीं आ पातीं। प्रशिक्षण के जरिये महिलाओं में गंभीरता, कम्यूनीकेशन और सहभागिता के रूप में एक्जीक्यूटिव प्रेसेंस विकसित की जाती है, कंपनियां महिलाओं के लिए एक बड़ा कैडर बनाती हैं जो कमरे में आदेश दे सकती हैं। वह कहती हैं कि, सीनियर लीडर्स ही ऐसी महिलाओं को उच्चे पद और अधिक दृश्यता परिस्थिति में पहुंचा सकते हैं।

वर्क-लाइफ बैलेंस: महिलाएं शीर्ष पद पर पहुंचना चाहती हैं, लेकिन इसके लिए वे अपने जीवन के प्रत्येक घटक का समर्पण नहीं करना चाहतीं। हम सब हमने जीवन में हर चीज संतुलित करना चाहते हैं, फिर चाहे वह काम और परिवार या काम या स्कूल केबीच संतुलन हो।

सीपीए और सैन फ्रांसिस्को में एफीनिटी फंड सर्विसेस की मैनेजिंग सदस्य एमी झांग, पहली फर्म में जब वह प्रमोट हुई थीं तो सबसे युवा मैनेजर थीं, लेकिन दो साल बाद ही उन्होंने नौकरी छोडऩे का फैसला लिया।

उन्होंने देखा कि उसी फर्म की उनकी महिला साथी, उस फर्म के व्यस्त सीजन में लंबे समय तक, घंटो पागलों की तरह और अपने काम और परिवार के बीच संतुलन बनाने के लिए संघर्ष कर रही थीं। उन्होंने यह भी देखा कि उनका योगदान उतना मूल्यवान नहीं था, जितना उनके पुरुष साथियों के कम काम के लिए मिलता था।

झांग कहती हैं कि आमतौर पर पुरुष सहयोगी बाहर जाकर बिजनेस लाते हैं। महिला साथी सामाजिक नहीं होती, या वे होना चाहती हैं तो वे पारीवारिक जिम्मेदारियों के कारण सामाजिक बनने के लिए समय नहीं निकाल पातीं। वे कहती हैं कि महिलाओं का सबसे अच्छा काम ग्राहकों को खुश और वफादार बनाए रखना है।

हालांकि, इस योगदान के बावजूद इसे ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं माना जाता। वह कहती हैं कि महिलाओं को कंपनी की महिला लीडर्स को सकारात्मक ढंग से लेना चाहिए ठीक वैसे ही जैसे एक परिवार के मुखिया के रूप में हम लेते हैं। झांग अब खुशी से अपना स्वयं का हैज फंड एडमिनिस्ट्रेशन फर्म का संचालन कर रही हैं।

लचीला शेड्यूल: मॉम कॉर्प की संस्थापक व सीईओ एलीसन ओकेली के मुताबिक आज के सबसे प्रतिभाशाली पेशेवर एक लचीला कार्य स्थिति में काम कर सकते हैं क्योंकि यहां कई पर्याप्त संगठन हैं जो उन्हें इसकी पेशकश करते हैं। पेशेवर लचीला कार्य विकल्प चाहते हैं। वह कहती हैं कि एक कंपनी जो प्रतिस्पर्धी बने रहने और प्रतिभा को आकर्षित करना चाहती है, उसके लिए एक ही समाधान है कि वह अपने संगठन में लचीला पन लाने के लिए छोटे रास्ते तलाशे।

ओकेली कहती हैं कि सी-स्यूट में जॉब-शेयर पोजीशन, हाई-लेवल पार्ट टाइम अवसर और अधिम कॉन्ट्रेक्ट तथा अंशकालिक ओपनिंग कंपनियों को न केवल बेहतर प्रतिभा हासिल करने में बल्कि पैसा बचाने में भी सहायता करते हैं। मैनेजिंग पीपुल बेटर के सह संस्थापक लेग स्टीर, यह एक रिसर्च कंपनी है जो मैनेजमेंट स्टाइल से जेंडर और जनरेशनल अंतर को मैनेज करती है, यहां एक लिस्ट है जो टॉप महिला प्रतिभा को रोकने और नियोक्ता को उन्हें आकर्षित करने से रोकता है।

- कार्यप्रणाली जो ज्यादा समय लेजी है
- काम के घंटों के बीच समय मिलने की उम्मीद जो उन्हें बच्चे की कक्षा या
स्कूल और एक्स्ट्राकैरीकुलर एक्टीविटी में भाग लेने को मुश्किल बनाए
- न खत्म होने वाली समय खाऊ मीटिंग जो अंतिम क्षण में बुलाई गई हो, जो
चाइल्डकेयर प्रबंधन, स्कूल पिकअप, चिकित्सक से मिलने और अन्य दायित्वों
को संघर्षपूर्ण बनाता हो।
- एक ऐसा माहौल जो बॉस या साथी को कर्मचारी से पूछे बगैर उसके काम के समय
को निश्चित करने की अनुमति दे। - परिवार के साथ बाहर समय बिताने के दौरान
संदेश देना या फ्लेक्स विकल्पों के उपयोग करने या उन्हें वजन घटाने का
समय न देना।
- समान शिक्षित सिंगल कर्मचारी को वर्किंग मदर की तुलना में प्रमोट करना
- बिजनेस यात्रा देना जो घर में सपने देखने में खलल डाले

स्टीर कहते हैं कि यह पारंपरिक वर्क-लाइफ के लाभ है जैसे फ्लेक्स टाइम, टेलीकम्यूटिंग और पार्ट टाइम शेड्यूल सभी महिलाओं की मदद नहीं करते और यह सुझाव है कि प्रोजेक्ट आधारित रोजगार एक विकल्प है। इस तरह की व्यवस्था से नियोक्ता एंड प्रोडक्ट, समयसीमा और मुआवजा को परिभाषित करता है। एक वर्किंग मदर को लचीलापन मिलता है उसे काम और घर दोनों की जिम्मेदारियों का प्रबंधन करने की जरूरत है और नियोक्ता को वर्किंग मदर की विशेषज्ञता का लाभ मिलता है।

स्टीर कहते हैं कि कर्मचारी समयसीमा के भीतर गुणवत्तापूर्ण काम देता है, फिर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता कि कर्मचारी दो बजे से काम करे या फिर अपने बच्चे की फुटबॉल प्रेक्टिस के खत्म होने का इंतजार करते समय लैपटॉप पर, या फिर वह अपने प्रोजेक्ट पर 40 घंटे खर्च करे या 10 घंटे। परिवार के अनुकूल लाभ 2012 में वर्किंग मदर 100 बेस्ट सर्वे के मुताबिक, 100 बेहतरीन कंपनियों में से अधिकांश अपनी महिला कर्मचारियों को नीचे लिखे लाभ की पेशकश करती हैं:

*100 फीसदी कंपनियां पैड मैटर्निटी अवकाश देती हैं
*98 फीसदी कंपनियां हेल्थ स्क्रीनिंग कार्यक्रम चलाती हैं
*96 फीसदी कंपनियां सीजनल फ्लू वैक्सीनेशन कार्यक्रम ऑनसाइट चलाती हैं
*93 फीसदी कंपनियां न्यूट्रीशन काउंसलिंग की व्यवस्था करती हैं
*81 फीसदी कंपनियां ऑन-साइट फिटनेस सेंटर की सेवाएं देती हैं
*100 फीसदी कंपनियां टेलीकम्यूटिंग की पेशकश करती हैं
*62 फीसदी कंपनियां ड्रा-क्लीनिंग सर्विस देती हैं
*100 फीसदी कंपनियां ऑन-साइट लैकटेशन रूम की सुविधा देती हैं
*97 फीसदी वेट-लूज प्रोग्राम की सुविधा देती हैं
*95 फीसदी कंपनियां धूम्रपान छुड़ाने के कार्यक्रम चलाती हैं
*23 फीसदी कंपनियां थोड़ा आराम करने के लिए कमरे की सुविधा देती हैं

अमेरिका की सभी कंपनियां में बहुत कम ऐसी कंपनियां हैं जो निम्न लाभ महिला कर्मचारियों को देती हैं। उदाहरण के लिए केवल 57 फीसदी कंपनियां ही टेलीकम्यूटिंग की पेशकश करती हैं, और केवल 9 फीसदी कंपनियां अडॉप्शन सहायता देती हैं। कंपनियां जो अधिक टॉप महिला प्रतिभा को आकर्षित करना चाहती हैं तो उन्हें टॉप 100 कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं को मॉडल के रूप में अपनाना चाहिए।

अंतिम पंक्तिया: महिला प्रतिभा को आकर्षित करना और उन्हें अपने साथ बनाए रखने से कंपनियों को गहरा प्रतिभा पूल, अधिक कार्यशाली लीडरशिप टीम और अधिक कार्य संतुष्टि और कंपनी के प्रति वफादारी समेत काफी लाभ हो सकते हैं।

कार्यस्थल पर प्रतिभा विकास, मेंटरशिप और एक्जीक्यूटिव प्रेसेंस प्रोग्राम के जरिए महिलाओं के एडवांसमेंट की बाधाओं को खत्म किया जाता है, ऐसी व्यवस्था जो वर्किंग मदर के शेड्यूल के मुताबिक हो और परिवार अनुकुल विस्तृत लाभ कंपनियों को इस लक्ष्य को पाने में मददगार होंगे।

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सौजन्य : मोलतोल.इन

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