टाइगर रिजर्व एक नवंबर से पुन: खुलेगा

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एक जुलाई से बंद किया गया अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया को एक नवंबर से पुन: पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। इसे खुलने में अब सिर्फ कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। इसलिए शीघ्र ही जंगल के अंदर की सड़क की मरम्मत व झाड़ी-झंगर को हटाने काम प्रारंभ कर दिया जाएगा।

ज्ञात हो कि हर साल अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया को बरसाती सीजन में चार महीने तक पर्यटकों के भ्रमण के लिए बंद कर दिया जाता है। इस बार भी 1 जुलाई से इसे बंद कर दिया गया था, जो 31 अक्टूबर को बंद का अंतिम दिन है। हर साल की तरह 1 नवंबर से पर्यटकों की चहल-पहल शुरू हो जाएगी।

हालांकि चार महीने से बंद होने के कारण जंगल के भीतर की सारी व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई है, जिसे व्यवस्थित करने के लिए पूरा अमला जुट जाएगा। भ्रमण के लिए तय रूटों की मरम्मत व मार्ग में अस्त-व्यस्त पड़े झाड़ी-झंगर को रास्ते से हटाने के बाद सफाई की जाएगी।

डीएफओ हेमंत ने बताया कि चयनित मार्गों की मरम्मत के अलावा पंजीकृत गाइडों को भी तय तिथि में संबंधित स्थानों में तैनात रहने के निर्देश दिए जाएंगे। गाइड ही पर्यटकों को जंगल का भ्रमण व सामान्य जानकारी उपलब्ध कराता है। पर्यटकों को सुरक्षित वापस लाने की भी जिम्मेदारी उन्हीं की है। गाइड के बिना पर्यटकों को भीतर जाने की अनुमति नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि टाइगर रिजर्व एरिया के भीतर जितने भी बैरियर है, वहां भी निर्धारित से कर्मचारी तैनात हो जाएंगे।

यहां आने वाले पर्यटक भ्रमण के साथ-साथ यहां के विश्रामगृहों का भी आरक्षण करा सकते हैं। विश्रामगृहों का आरक्षण भी यथावत स्थान से ही होगा।

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भ्रमित किया जा रहा पर्यटकों को : अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया के खुलने की सही तिथि एक नवंबर है। यह तिथि प्रारंभ से ही निर्धारित है। इसके बावजूद कुछ ऐसा समूह है, जो पर्यटकों को टाइगर रिजर्व एरिया खुलने की तिथि को लेकर भ्रमित कर रहा है। दो दिन पहले भी शहर के ही युवा पर्यटक आए और कार्यालय पहुंचकर जिप्सी बुकिंग कराना चाह रहे थे। उन्हें किसी ने यह जानकारी दे दी थी कि टाइगर रिजर्व 16 अक्टूबर से खुल जाएगा। कार्यालय आकर उन्हें सही जानकारी मिली।

हाथी सैर के लिए करना होगा इंतजार : सरगुजा के तैमोर पिंगला अभ्यारण्य से वन विभाग के तीन पालतू हाथियों को अचानकमार टाइगर रिजर्व लाया गया है। इनमें नर-मादा व उनका बच्चा शामिल हैं। हाथियों के साथ उसका महावत भी आया है। इन्हें लाने के पीछे विभाग का दो स्वार्थ है, जिसमें से एक तो पूरा किया जा रहा है।

इसके तहत कर्मचारी हाथियों पर बैठकर उन क्षेत्रों में गश्ती करने के लिए पहुंच रहे हैं, जहां वाहन नहीं जा पाते। इनसे पर्यटकों को भी जंगल की सैर कराने की योजना है, लेकिन इसके लिए पर्यटकों को इंतजार करना पड़ेगा। दरअसल विभाग सैर कराने के लिए झिझक रहा है।

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