दिल्ली के चिडि़याघर में प्रवासी पक्षियों ने डेरा डालना शुरू कर दिया है। पक्षियों को दिल्ली की सर्दी खूब भाती है। शायद यही वजह है कि राजधानी में मौसम बदलते ही देशी प्रवासी पक्षी 'दोक' यहां का रुख करने लगते हैं। यह पक्षी गर्मी से बचने की कोशिश करते हैं और ठंड की तरफ भागते है। रंग-बिरंगे परों वाले बेहद खूबसूरत दोक पक्षियों ने इन दिनों चिडि़याघर के तालाबों में डेरा डालना शुरू कर दिया है।
दिलचस्प बात यह है कि दोक ठंड के मौसम में ही सहवास करना पसंद करते हैं। इसके लिए यह अपना घरौंदा खुद तैयार करते हैं और इस काम में इन्हें महारथ हासिल होती है। बात चाहे घरौंदा तैयार करने की हो या फिर इसकी मरम्मत की। इन पक्षियों को दोनों काम में महारत हासिल होती है। इस पक्षी की एक खास बात यह है कि यह अपना घरौंदा जिस पेड़ पर बनाते हैं, उस पेड़ की लकड़ी का प्रयोग नहीं करते। घरौंदा तैयार करने के लिए यह दूसरे पेड़ों की लकडि़यों का इस्तेमाल करते हैं।
दोक हर साल मार्च से अगस्त की बीच हिमाचल प्रदेश की सैर पर निकल जाते हैं और जब दिल्ली में मौसम करवट लेता है व सर्दी आने को होती है तो यहां वापस लौटने लगते हैं।
आसमान में उड़ते रंग-बिरंगे पक्षियों को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है। लोग मचानों पर चढ़कर इनका दीदार करते हैं। चिडि़याघर के प्रवक्ता रियाज खान ने बताया कि दोक हर साल ठंड के मौसम की सुगबुगाहट होते ही चिडि़याघर पहुंचने लगते हैं। आम तौर पर दोक सितंबर महीने में यहां आते हैं लेकिन इस साल अगस्त माह में अच्छी बारिश हुई है जिससे यह पक्षी 15 अगस्त से ही यहां आना शुरू हो गए थे।
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दिलचस्प बात यह है कि दोक खासतौर से दिल्ली सहवास के लिए आते हैं। सितंबर से फरवरी माह तक सहवास के बाद जैसे ही दिल्ली में गर्मी शुरू होती है तो हिमाचल प्रदेश की ओर उड़ान भरने लगते हैं। दोक मछली खाने के शौकीन होते है। चिडि़याघर में कुल पांच तालाब हैं जहां से यह अपना दाना पानी लेते हैं।
इसके अलावा चिडि़याघर प्रशासन की आरे से भी इन पक्षियों को मछलियां खिलाई जाती हैं। एक दोक पक्षी एक दिन में करीब ढाई से तीन सौ ग्राम मछली खाता है। अंडे देने के बाद अपनी सुरक्षा को लेकर दोक थोड़े आक्रामक हो जाते हैं और इसके लिए यह लोगों पर हमला करने से नहीं चूकते। इसलिए जब दोक अंडे दे देते हैं तो चिडि़याघर के कर्मचारी तालाब के आस-पास जाल बिछा देते हैं ताकि इन पक्षियों को उनकी सुरक्षा का अहसास हो सकें। साथ ही उन्हें अपने अंडों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं न हों।
बता दें कि देशी प्रवासी पक्षियों के अलावा चिडि़याघर में विदेशी प्रवासी पक्षी भी आते हैं। सितंबर माह के बाद इराक, इरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रास्ते कुछ नए परिंदे भी भारत पहुंचेंगे। हर साल के मुकाबले इस बार सितंबर महीने के बाद दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ विदेशी प्रवासी पक्षियों पहुंचते है।
प्रमुख पक्षियों में पिनटेल बत्तख, सोवलर बत्तख, चाइनीज कूट, सीखपग, डेबटिक, नीलसर, छोटी मुर्गाबी आदि शामिल हैं जो दक्षिण पूर्वी एशिया, साइबेरिया व रूस से यहां आएंगे। इनके अलावा स्थानीय प्रवासी पक्षी दोक ने चिडि़याघर में डेरा डालना शुरू कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चिडि़याघर के अलावा दिल्ली के विभिन्न गांवों में स्थित तालाब के आस-पास भी पक्षी घरौंदा बनाते हैं। दरअसल इन सभी पक्षियों को ठंडक पसंद होती है। चूंकि राजधानी में आने वाले दिनों में तापमान धीरे-धीरे कम होने लगेगा, इस कारण पक्षी यहां आना शुरू कर देंगे। चिडि़याघर में कुल पांच तालाब हैं।
सात समंदर पार से दिन-रात की उड़ान के बाद आने वाले पक्षियों को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुटती है। सितंबर से पक्षी यहां आने शुरू हो जाते हैं और मार्च महीने के अंत में किसी दूसरे स्थान पर जाने की तैयारी करने लगते हैं। बताया जा रहा है कि अप्रैल महीने की शुरुआत में यह पक्षी हिमाचल प्रदेश का रुख करेंगे। अगले कुछ ही दिनों में प्रवासी पक्षियों की अठखेलियां दिखने लगेंगी।