प्राकृतिक सुंदरता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्घ कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का नाम यहाँ की चिकनी मिट्टी के कारण पड़ा है, जिसे स्थानीय भाषा में 'कनहार' कहा जाता है। एक और मान्यता यह है कि इस वन के पास एक गाँव में कान्वा नाम के सिद्घ पुरुष रहते थे। उन्हीं के नाम पर इस उद्यान का नाम कान्हा रखा गया है। मध्यप्रदेश के मंडला के नजदीक के इस उद्यान से ही रूडयार्ड किपलिंग को जंगल बुक लिखने की प्रेरणा मिली। तो आइए, आज हम मोगली के घर की सैर कर आएँ।
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