दोस्ती की शिक्षा

- राजश्री कासलवीवा

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एक संयुक्त परिवार के पास एक पति-पत्नी ने मकान किराए पर लिया था। उस दिन फ्रेंडशिप डे ही था। उस परिवार के लोग बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे तो नहीं थे लेकिन व्यवहारकुशल थे।

जब वे पति-पत्नी पड़ोसी बनकर वहाँ पर रहने लगे तो हमेशा उस महिला को लगता था कि हम कैसे बिना पढ़े लिखे लोगों के बीच फँस गए हैं। तब कुछ समय बाद उस वह महिला गर्भवती हुई। पास में रहने वाले उस परिवार ने महिला का अपनी बहू या बेटी की तरह बहुत ध्यान रखा। उस घर का हर सदस्य नया-नया रोज कुछ न कुछ बनाकर खाने के लिए लाकर देता था।

उन लोगों का व्यवहार देखकर उस महिला का सोच बदल ही गया, फिर उसे समझ में आया कि उसके पड़ोसी परिवार ने वास्तव में बहुत उच्च शिक्षा ग्रहण की है, मानवता की शिक्षा, दोस्ती की शिक्षा।