दोस्त बनाइए ही नहीं दोस्त बनिए भी

- फरजाना हुसै

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आज हमारी दिनचर्या इतनी व्यस्त हो गई है कि सुबह से शाम कैसे बीत जाती है, पतही नहीं चलता। कभी-कभी इतने काम होते हैं कि किसी को देखने या सुनने का भी शायसमय नहीं होता है, पर अक्सर जब हम फुर्सत के क्षणों में होते हैं या अकेले होते हैं तो हमारे पासकोई नहीं होता है। कई बार कुछ ऐसी बातें हो जाती हैं जो हमें परेशान कर देती हैं और हमारी उदासी का सबब बन जाती हैं। इस परेशानी और उदासी में बस एक ही ख्याल आता है, काश! कोई ऐसा दोस्त होता जो हमें सुनता, समझता, हमें जानने की कोशिश करता, पर उस समय हमारे पास कोई नहीं होता है।

एक सच्चे दोस्त की तलाश शायद कभी खत्म नहीं होती है और हमारे मुँह से यही निकलता है, कोई ऐसा मिला ही नहीं। हम हमेशा दूसरों से उम्मीद क्यों रखते हैं। कभी यह नहीं सोचते कि कोई आपसे भी चाहता है, किसी को आप की जरूरत है। दोस्ती दुनिया का सबसे खूबसूरत रिश्ता है। यह एक ऐसा फूल है जो न कभी मुरझाता है और न ही इसकी महक जाती है। बस, थोड़े से प्यार और विश्वासरूपी जल से इसे सींचना पड़ता है। कई बार दोस्त उस समय काम आते हैं जब हमारे अपने हमारा साथ छोड़ देते हैं। यही समय होता है जब एक सच्चे दोस्तकी पहचान होती है।

अक्सर स्कूल-कॉलेज के लड़के-लड़कियाँ कहते हैं, यह मेरा सबसे अच्छा दोस्त है, या यह मेरी बेस्ट फ्रेंड है, पर बात तो तब है जब आप किसी के अच्छे दोस्त या 'बेस्ट फ्रेंड' हों। हर इंसान की अपनी दुनिया होती है जिसमें उसके माता-पिता, भाई-बहन, रिश्ते-नातेदार होते हैं, पर इनसे भी अलग एक और दुनिया होती है। इस दुनिया में उसके करीब सिर्फ वे होते हैं जो उसके अच्छे दोस्त होते हैं, जिन्हें वह चाहता है, जो उसकी दुनिया का अहम हिस्सा हैं। कितना अच्छा लगता है उस वक्त जब कोई हमें अपनी हर बात बताने के लिए बेचैन हो औहम उसके हमराज होते हैं। जब किसी को हमारी कमी महसूस होती है फिर चाहे हम उससे कितनी ही दूर क्यों न हों, कितना अच्छा लगता है जब हम किसी के दिल के लिए उसकी प्रेरणा बन जाते हैं।

दोस्ती भावनाओं का अटूट रिश्ता है। यह प्यार का सुखद अहसास है। हमारा हल्का-सा स्पर्श उसमें नई जान डाल देता है। वह इंसान जिंदगी में कभी अकेला नहीं हो सकता जिसे एक सच्चा दोस्त हासिल हो जाता है।