क्यों आते हैं Nightmares? बुरे सपने आने से कैसे खराब होती है आपकी हेल्थ? जानिए वजह

WD Feature Desk

शनिवार, 12 जुलाई 2025 (18:06 IST)
kyun aate hain bure sapne: रात की गहरी नींद में जब आप सपनों की दुनिया में खो जाते हैं, तो अक्सर कुछ सपने इतने डरावने होते हैं कि नींद खुल जाती है और दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं। ऐसे ही डरावने या बेचैन करने वाले सपनों को Nightmares कहा जाता है। ये सपने सिर्फ बच्चों को ही नहीं, बल्कि वयस्कों को भी प्रभावित करते हैं। खास बात ये है कि बुरे सपने केवल नींद की गुणवत्ता को नहीं बिगाड़ते, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकते हैं। आइए जानें कि आखिर बुरे सपने क्यों आते हैं, इनके पीछे क्या कारण हो सकते हैं, और कैसे ये हमारी हेल्थ को नुकसान पहुंचाते हैं।
 
बुरे सपनों का हमारी नींद और हेल्थ पर असर
जब आप बार-बार बुरे सपनों की वजह से नींद में बाधा महसूस करते हैं, तो इसका असर पूरे दिन की ऊर्जा, मूड और एकाग्रता पर पड़ता है। लंबे समय तक ऐसा चलने पर यह चिंता (Anxiety), डिप्रेशन और इमोशनल थकान की वजह बन सकता है। बुरे सपनों की वजह से नींद बार-बार टूटती है, जिससे शरीर को जरूरी रेस्ट नहीं मिल पाता और थकावट बनी रहती है।
 
1. मानसिक तनाव और चिंता (Stress & Anxiety)
दिनभर की भागदौड़, मानसिक उलझनें, रिश्तों के टकराव या नौकरी का दबाव, ये सभी हमारे दिमाग में नेगेटिव विचारों को जन्म देते हैं। जब आप सोते हैं, तब आपका अवचेतन मन (Subconscious Mind) इन परेशानियों को सपनों के रूप में प्रसारित करता है। यही वजह है कि बुरे सपने अक्सर उसी चीज़ से जुड़े होते हैं जो हमें दिन में तनाव देती है। शोधों के अनुसार, अत्यधिक तनाव से नींद की गुणवत्ता गिरती है और Nightmares की संभावना बढ़ जाती है।
 
2. नींद की गड़बड़ी (Sleep Disorders)
यदि आपको नींद आने में समस्या होती है या नींद पूरी नहीं हो पाती, तो यह बुरे सपनों का एक मुख्य कारण बन सकता है। REM sleep disorder, Sleep apnea, और Insomnia जैसी नींद संबंधी समस्याओं से जूझने वाले लोगों को Nightmares अधिक आते हैं। नींद की ये स्थिति मस्तिष्क को स्थिर नहीं रहने देती और व्यक्ति बेचैनी और डरावने सपनों की गिरफ्त में आ जाता है।
 
3. डरावनी फिल्में या नकारात्मक कंटेंट देखना
सोने से पहले डरावनी फिल्में, क्राइम शो या नेगेटिव न्यूज देखना हमारे दिमाग पर सीधा असर डालता है। जब आप सोने से ठीक पहले ऐसे दृश्य देखते हैं, तो अवचेतन मस्तिष्क उन चित्रों को पकड़कर रात को दोबारा प्ले करता है, नतीजतन डरावने सपने आते हैं। इसलिए कहा जाता है कि सोने से पहले पॉजिटिव कंटेंट देखना या सुनना फायदेमंद होता है।
 
4. कुछ विशेष दवाइयों या नशीली चीजों का सेवन
कुछ दवाइयां जैसे एंटी-डिप्रेसेंट्स, ब्लड प्रेशर की दवाएं या अन्य मानसिक स्वास्थ्य की दवाइयां भी Nightmares को ट्रिगर कर सकती हैं। साथ ही, शराब, सिगरेट या नशे की दूसरी चीजें मस्तिष्क की रासायनिक संरचना (Neurochemistry) को बदल देती हैं जिससे नींद गहरी नहीं हो पाती और डरावने सपने आने लगते हैं।
 
5. अनहेल्दी स्लीप रूटीन और खानपान
अगर आपकी नींद का कोई तय समय नहीं है, या आप देर रात भारी खाना खाते हैं तो इसका असर भी सपनों पर पड़ता है। पेट भारी होने से शरीर को आराम नहीं मिल पाता और नींद की गुणवत्ता घट जाती है। इसके अलावा, ज्यादा चाय, कॉफी या मीठे पदार्थों का सेवन भी मस्तिष्क को उत्तेजित कर देता है जिससे बुरे सपनों की आशंका बढ़ जाती है।
 
नतीजा- कैसे करें बचाव?
बुरे सपनों से बचने के लिए आपको अपनी Sleep Hygiene को सुधारना होगा। सोने से पहले मेडिटेशन या गहरी सांसें लें, पॉजिटिव सोचें, हल्का भोजन करें और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से दूरी बनाएं। दिनभर की मानसिक थकान को सोने से पहले शांति और प्रार्थना के जरिए रिलीज करें। इससे नींद भी बेहतर होगी और आप बुरे सपनों से भी बचे रहेंगे। 


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