दोस्‍त: जिंदगी का खूबसूरत तोहफा

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दोस्‍त का नाम सुनते ही मन खुशी से झूम उठता है। दोस्‍त हर पल हमारा साथ देता है हमेशा सुख-दुख में पहले दोस्‍त ही साथ देता है। दोस्‍त के बिना तो जीवन ही अधूरा है।

हमारे जीवन में दोस्‍ती के भी बहुत से मायने हैं। बचपन का दोस्‍त ही हमारा सबसे अच्‍छा दोस्‍त होता है। जीवन में दोस्‍त ही ऐसा होता है, जिससे हम हर बात शेयर करते हैं। दोस्‍ती का मतलब विश्‍वास, ईमानदारी।

दोस्‍त ऐसा होना चाहिए, जो हर डगर पर आपका साथ दे। आप भी उसके साथ पूरी ईमानदारी रखें। दोस्‍त के भरोसे को टूटने न दें। दोस्‍ती की कोई उम्र नहीं होती। जरूरी नहीं कि स्‍कूल, कॉलेज या फिर आ‍ॅफिस में ही दोस्‍त हो। आप घर में भी अपने माता-पिता के साथ इस रिश्‍ते को बखूबी निभा सकते हैं।

हर त्‍योहार के जैसे ही दोस्‍ती का भी अपना ही दिन होता है, जिसे युवा 'फ्रेंडशिप डे' के रूप में मनाते हैं। इस दिन का सभी दोस्‍त बेस्रबी से इंतजार करते हैं।

दोस्‍ती एक ऐसा रिश्‍ता है, जो हर किसी से नहीं बन सकता है। दोस्‍ती में लड़ाई-झगडे़ या कभी-कभी तो कुछ ऐसी बातें हो जाती हैं। लेकिन इनको कभी मन में गांठ बनाकर नहीं रखना चाहिए। यदि किसी बात पर अनबन हो भी जाए तो उसे बातचीत के जरिए सुलझा लेना चाहिए।

सच्चा दोस्त जीवन में कदम-कदम पर संजीवनी का काम करता है। आपको हर तरह की परेशानियों से निकालता है। व्यक्ति के जीवन की अमूल्य निधि है सच्चा मित्र।

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