Monsoon immunity booster Kadha: जब मानसून का मौसम दस्तक देता है, तो चारों ओर हरियाली और ठंडी हवाएं तो खुश कर देती हैं, लेकिन इसी मौसम में शरीर पर कई बीमारियों का खतरा भी मंडराने लगता है। बारिश के मौसम में वायरस, बैक्टीरिया और संक्रमण तेजी से फैलते हैं, जिससे सर्दी, खांसी, बुखार, गले में खराश, पेट की गड़बड़ी जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। ऐसे समय में जब दवाइयों से ज्यादा जरूरत होती है नैचुरल सुरक्षा की, तब काम आता है एक आयुर्वेदिक चमत्कार, काढ़ा।
काढ़ा ना केवल हमारी इम्यूनिटी को मजबूत करता है, बल्कि यह शरीर को भीतर से डिटॉक्स करने का भी काम करता है। मानसून 2025 में जब मौसम और वायरस दोनों बदलते रूप में हैं, ऐसे में रोज एक कप काढ़ा पीना आपकी सेहत के लिए ढाल बन सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि काढ़ा क्यों है इस मौसम का सबसे भरोसेमंद साथी।
काढ़ा क्या होता है और कैसे बनता है?
काढ़ा एक पारंपरिक आयुर्वेदिक पेय है, जिसे जड़ी-बूटियों, मसालों और औषधीय पौधों को पानी में उबालकर तैयार किया जाता है। इसमें तुलसी, अदरक, काली मिर्च, दालचीनी, लौंग, गिलोय, हल्दी, अजवाइन जैसे तत्व शामिल होते हैं, जो नैचुरल रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। काढ़े की खासियत यह है कि यह शरीर को गर्म रखता है, विषैले तत्वों को बाहर निकालता है, और पाचन को सुधारता है, जो मानसून में सबसे बड़ी जरूरत बन जाती है।
मानसून में इम्यूनिटी क्यों हो जाती है कम?
मानसून में वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे फंगस, बैक्टीरिया और वायरस पनपने लगते हैं। इसके अलावा तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव के कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। लोगों की खान-पान की गलत आदतें, गीले कपड़े, ठंडा खाना या बाहर का दूषित पानी पीने से पाचन कमजोर होता है, जिससे बीमार पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अगर शरीर के भीतर से मजबूत सुरक्षा तंत्र ना हो, तो छोटी सी लापरवाही भी बड़ी बीमारी में बदल सकती है।
काढ़ा कैसे करता है आपकी इम्यूनिटी को मजबूत?
तुलसी और गिलोय शरीर को वायरल इन्फेक्शन से बचाते हैं।
अदरक और काली मिर्च कफ और बलगम को साफ करते हैं।
हल्दी एक नेचुरल एंटीसेप्टिक है, जो सूजन और संक्रमण को कम करती है।
दालचीनी और लौंग पाचन को सुधारते हैं और शरीर को गर्म रखते हैं।
गुड़ और शहद स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को ऊर्जा भी देते हैं।
ये सभी तत्व मिलकर शरीर के इम्यून सिस्टम को अंदर से सक्रिय करते हैं, जिससे वायरस शरीर में प्रवेश करने से पहले ही खत्म हो जाते हैं।
मानसून में कब और कैसे पिएं काढ़ा?
सुबह खाली पेट या शाम को हल्का नाश्ता करने के बाद
ज्यादा गर्म ना पिएं, हल्का गुनगुना रखें
दिन में 1 से 2 बार काढ़ा पीना पर्याप्त होता है
हर किसी के लिए एक ही काढ़ा नहीं होता, अपनी जरूरत के अनुसार तुलसी-अदरक वाला, या गिलोय-हल्दी वाला काढ़ा लें
बच्चों या गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर की सलाह से दें
काढ़ा पीने में बरतें ये सावधानियां
खाली पेट ज्यादा तीखा या मसालेदार काढ़ा ना पिएं
हाई ब्लड प्रेशर या हार्ट पेशेंट दालचीनी और काली मिर्च सीमित मात्रा में लें
लगातार 15–20 दिन से ज्यादा एक ही तरह का काढ़ा न लें, थोड़ा बदलाव करते रहें
किसी भी एलर्जी या स्वास्थ्य समस्या में पहले डॉक्टर से सलाह लें
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