दद्दू का दरबार : भगवान का डर

एमके सांघी
प्रश्न : दद्दू जी, कुछ रोज पहले तक जिस सरकारी बंगले की भव्यता की मिसाल दी जाती थी, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का वह आलीशान बंगला आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाता दिखाई पड़ा। राज्य संपत्ति विभाग को बंगले की चाबी प्राप्त होने के बाद बंगले में लगे फ्लोर टाइल्स उखड़े हुए थे, जबकि कई जगह संगमरमर टूटे मिले। बंगले में कई कमरों के दरवाजे जमीन पर पड़े थे। झूमर, ट्यूब लाइट और यहां तक इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के उखाड़ने के निशान जगह-जगह दिखाई दिए। सीनरी और पेंटिग उखाड़ने के निशान कई दीवारों पर दिखाई दिए। बंगले में लगे एयरकंडीशनर को भी बेतरतीब तरीके से उखाड़ा गया है। आलीशान स्वीमिंग पूल में लगी विदेशी टाइल्स उखड़ी हुई थीं। कई गमले मलबे की शक्ल में तब्दील हो चुके थे। पर आश्चर्य की बात यह थी कि बंगले में स्थित एक मंदिर चकाचक मिला। ऐसा क्यों?
 
उत्तर : मंदिर का चकाचक मिलना इस बात का सबूत है कि ये दबंग नेता चाहे अपने आप को लोकतंत्र के भगवान समझ कर मनमाना व्यवहार करें पर  ऊपर वाले असली भगवान से ये आज भी चमकते हैं। काश नेता लोग जनता को भगवान समझें तो ये धरती स्वर्ग बन जाए।   

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