दद्दू का दरबार : पोहे-नाश्ते पर संकट...

प्रश्न : दद्दूजी, खबर है कि मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र का पोहा उद्योग संकट में है। लगातार बढ़ता हुआ टैक्स तथा परिवहन लागत एवं धान की कमी के कारण कई पोहा निर्माण इकाइयां बंद होकर आधी रह गई हैं। ऐेसे में क्या इंदौरी और मालवावासी किसी दूसरे नाश्ते को अपनाएंगे? 


 
उत्तर : देखिए, पोहे का नाश्ता इंदौरी तथा मालवावासियों को अमृत की तरह प्यारा है। उन्हें सुबह-सुबह पोहे का नाश्ता चइये मने चइये। इस बारे में कोई सुलह नहीं, कोई समझौता नहीं। या तो सरकार पोहे को टैक्स फ्री करे, वरना सोच ले कि जब महंगा प्याज सरकार गिरा सकता है तो महंगा या बाजार से गायब पोहा भी यह काम करके दिखा सकता है। 
 
फिर पोहा तो अमीर-गरीब, मंत्री-संत्री सबके दिलोजुबान पर राज करता है। इस उद्योग को लाभप्रद बनाने के लिए तो वैसी ही सर्वसम्मति होनी चाहिए, जैसी कि विधायकों और सांसदों की वेतनवृद्धि के बारे में होती है। 
 

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