प्रश्न : दद्दूजी, देश के प्रधानमंत्रीजी की हाल ही की अमेरिका यात्रा के दौरान उन्होंने अमेरिकी संसद को संबोधित किया तथा उन्हें अनेक बार ‘स्टैंडिंग ओवेशन’ तथा बेहिसाब तालियां मिलीं। अमेरिकी सांसद उनसे ऑटोग्राफ भी लेते नजर आए।
इस बारे में एक और जहां सभी देशवासी गर्व का अनुभव कर रहे हैं वहीं मोदी विरोधी, विरोध का मौका न छोड़ते हुए कह रहे हैं कि यह मोदीजी का नहीं बल्कि प्रधानमंत्री पद का स्वागत था तथा मोदीजी ने स्क्रिप्टेड भाषण दिया। यह भी कहा जा रहा है कि तालियों का बजना कोई इत्ती बड़ी बात नहीं कि मोदी भक्त इतराते फिरें। आप क्या कहेंगे इस बारे में?
उत्तर : देखिए स्क्रिप्टेड डायलॉग तो फिल्मों के सभी हीरो भी बोलते हैं, फिर जनता किसी को महानायक, किसी को दबंग, किसी को सिंघम वहीं किसी को फ्लॉप के रूप में क्यों जानती है। ईमानदारी से बिना राजनीतिक दबाव के शानदार काम करने वाले किसी आईएएस अधिकारी का नाम लोगों की जुबां पर क्यों आ जाता है जबकि पद तो हर जिलाधिकारी के पास होता है। किसी राज्य के मुख्यमंत्री को विकास-पुरुष के रूप में क्यों पहचान मिल जाती है जबकि यह पद तो हर राज्य के मुखिया के पास होता है।
रहा तालियों का सवाल तो वह हर किसी के नसीब में नहीं होती है। अपने देश के किसी भी आयोजन में चले जाएं तो बेचारा मंच संयोजक इसी बात की शिकायत करता हुआ मिलेगा कि लोग तालियां नहीं बजा रहे हैं। जोरदार तालियां बजना कार्यक्रम तथा प्रस्तुति देने वाले की सफलता का पैमाना समझा जाता है।
‘इंडिया गॉट टेलेंट’ तथा ‘डांस इंडिया डांस’जैसे रियलिटी शो में जज लोगों द्वारा चुनिंदा उत्कृष्ट प्रतिभागियों को दिया गया ‘स्टैंडिंग ओवेशन’ उन्हें अन्य प्रतिभागियों से अलग नहीं करता है।
जी हां, तालियां मोदीजी के लिए ही बजी थीं और वे देश के लिए गर्व की बात होनी चाहिए।