प्रश्न : दद्दू, चुनाव परिणामों में नरेन्द्र मोदीजी और भाजपा ने अपने झंडे गाड़ दिए। मनमोहन सिंह का स्थान अब मोदीजी लेंगे। आप इस परिवर्तन के बारे में क्या कहेंगे?
उत्तर: देखिए, आगामी प्रधानमंत्री बनने जा रहे मिस्टर 'नमो' विदाई लेने जा रहे प्रधानमंत्री मिस्टर 'मौन' से शाब्दिक रूप से एकदम उलट हैं। आशा की जानी चाहिए कि वे देश की जनता को महंगाई व भ्रष्टाचार की गर्त से उबारकर विकास की राह ले जाएंगे।
प्रश्न : दद्दू, भाजपा व एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद क्या आपको लगता है कि मोदीजी का सीना 56 इंच का है?
उत्तर : चूंकि हासिल की गई जीत भाजपाइयों की अपेक्षा से भी बड़ी है अत: उनके सीने का नाप 56 नहीं, बल्कि 65 इंच माना जाना चाहिए।
प्रश्न : दद्दू, चुनाव पूर्व राहुल ने मोदीजी को हिटलर जैसा बताया था। चुनाव के बाद क्या उनकी बात सच साबित होगी?
उत्तर : जिस तरह से मोदीजी ने कांग्रेस व अन्य दलों को हिट कर चारों खाने चित किया है उससे उन्होंने स्वयं को 'हिटलर' (हिट करने वाला) साबित कर दिया है।
प्रश्न : दद्दू, राहुल ने गुजरात विकास मॉडल को 'टॉफी मॉडल' बताया था। लोगों ने इस मॉडल को क्या समझा?
उत्तर : लोगों ने भी गुजरात विकास मॉडल को 'टॉफी मॉडल' (टॉफी की तरह प्रिय एवं मीठा) ही समझा तथा अपना भरपूर समर्थन मोदीजी को दिया।
प्रश्न : दद्दू, चुनाव के दौरान मोदीजी ने कहा कि यूपीए सरकार की ए, बी, सी में 'ए' का मतलब 'आदर्श घोटाला', 'बी' का अर्थ 'बोफोर्स घोटाला' तथा 'सी' का मतलब 'कॉमनवेल्थ घोटाला' है। मोदी सरकार में ए, बी, सी का मतलब क्या होगा?
उत्तर : मोदीजी की सरकार में 'ए' का मतलब 'एप्पल' होगा जिसे वे गरीब से गरीब जनता को मुहैया कराएंगे। 'बी' का अर्थ 'बेट' होगा जिससे वे विकास के चौके-छक्के लगाएंगे तथा 'सी' का अर्थ 'केट' होगा जिसके लिए मोदी सरकार में विकास के फायदों के अंगूर कभी खट्टे नहीं होंगे।
प्रश्न : दद्दू, चुनाव पूर्व ममता बनर्जी ने मोदीजी को 'कागजी शेर' बताया था। अब उनके बारे में आप क्या सोचते हैं?
उत्तर : मोदीजी वाकई 'कागजी शेर' साबित हो चुके होते, बशर्ते मतदान प्रक्रिया में बैलेट पेपर का उपयोग आज भी होता।
ईवीएम पर कमल पर सबसे ज्यादा बटन दबाए जाने के बाद उन्हें अब इलेक्ट्रॉनिक शेर माना जाना चाहिए।
प्रश्न : दद्दू, चुनाव पूर्व सोनियाजी ने आरोप लगाया था कि मोदीजी जहर की खेती कर रहे हैं। अब आपकी इस बारे में क्या टिप्पणी है?
उत्तर : देखिए, मोदीजी ने अगर जहर की खेती की है, तो उसके बीज, खाद-पानी उन्हें यूपीए सरकार ने ही मुहैया करवाए। अब यह मोदीजी की ही जादूगरी है कि उन्होंने जहरीले बीजों से भी मीठे फल प्राप्त कर लिए।