मुझ अबला पर दया कीजिए...

महिला - साहब, मेरा शराबी पति तीन दिन से गायब है। शायद किसी ने उसका अपहरण कर लिया है।
पोस्ट मास्टर - माफ कीजिए, बहन जी, यह पोस्ट आफिस है। सामने पुलिस थाना है वहां जाइए।
महिला - हाय, क्या करूं, क्या न करूं.. कहां जाऊं, कहां न जाऊं.... खुशी के मारे मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है साहब।
पोस्ट मास्टर- अब तो समझ आ गया न... वहां जाइए सामने...!
महिला - साहब, वह पुलिस वाले अच्छे लोग नहीं हैं। तीन वर्ष पहले एक बार और मेरे पति लापता हो गए थे। वहां रिपोर्ट लिखाई तो वे फट से पकड़ कर ले आए थे।
पोस्ट मास्टर - देवी जी, जब तुम पति से इतनी नफरत करती हो तो यहां रिपोर्ट लिखवाने की भी क्या जरूरत है? जाओ, मजा करो।
महिला- साहब, रिपोर्ट न लिखाऊं तो गिल्ट-फीलिंग होती है। अपराध-भाव और आत्म-निंदा महसूस होती है। लिखने में आपका क्या बिगड़ जाएगा साहब! प्लीज मुझ अबला पर दया करिए, प्लीज लिख लीजिए न! मुझे संतोष हो जाएगा कि मैंने अपना कर्तव्य तो निभाया

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